
कुणाल दरगन
हरिद्वार। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़े पूर्व दर्जाधारी विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य के हाथ अपने ही रिजोर्ट की मासूम कर्मचारी अंकिता के कत्ल से सने जाने का खुलासा होने पर हरिद्वारवासी भी सन्न है। पुलकित आर्य के दामन पर कत्ल के छीटें जो आज पड़े है, उसकी बड़ी जिम्मेदारी आर्य परिवार की भी बनती है। आर्य परिवार ने अपने बिगड़ैल रईसाजादे पुलकित आर्य पर कभी नकेल कसी ही नहीं थी।
पिछले कई वर्षों पर नजर डाले तो उसकी कारसतानियों की एक लंबी फेहरिस्त है। उसकी उलजलूल हरकतों का सिलसिला बढ़ता ही चला गया, आज जिसका परिणाम एक मासूम के कत्ल के तौर पर सामने है। दो दिन पूर्व भी पिता पूर्व दर्जाधारी विनोद आर्य बड़ी ही बेशर्मी के साथ अपने लफंगे बेटे की पैरवी करते हुए साफ साफ नजर आ रहे थे, अगर उन्होंने पिता की जिम्मेदारी कभी बखूबी निभाई होती तो लाडली आज जिंदा होती। कामुकता में लिप्त अय्याश रईसजादे ने सभी सीमाएं लांघ दी थी। आरएसएस से जुड़े आर्य परिवार में इस तरह के संस्कार होना भी अपने आप में हैरान कर देने वाली बात है, इस तरह के लोग आरएसएस से जुड़े होते नहीं है। आरएसएस में सौम्य, शिक्षित और व्यवहारिक लोग होते है, ऐसा मैने सुना और देखा है।
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