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अनधिकृत व बगैर पुलिस सत्यापन के बसे हैं बाहरी प्रदेशों के ठग व लुटेरे

प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल। आये दिन रिखणीखाल प्रखंड के छोटे छोटे कस्बों के बाजारों में बाहरी प्रदेशों के अनधिकृत व बिना सत्यापन कराये कई ठग व लुटेरे खुले आम अपना अनैतिक व्यवसाय चला रहे हैं। ये छोटे-छोटे बाजार हैं, रिखणीखाल, ढाबखाल, देवियोखाल, कोटडीसैण, रथुवाढाब, गाडियू पुल आदि।

ताजा मामला जानकारी में आया है कि रिखणीखाल और तारकेश्वर महादेव के मध्य स्थित ढाबखाल बाजार का, जहाँ कई बाहरी संदिग्ध लोग अपना धन्धा चट्टाई, शिलाजीत, अविश्वसनीय दवा, महिलाओं के वस्त्र, भांडे बर्तन आदि बेचकर स्थानीय लोगों व भोली भाली महिलाओ को अपने चंगुल में फंसाकर, युवतियों से छेडछाड, अश्लील हरकत कर गुमराह कर खूब मौज मस्ती व लूटपाट कर रहे हैं। इससे पहले भी कई घटनायें हुई हैं, कुछ पकडे गये थे। बाजार में गन्दगी व प्रदूषण फैलाने में भी ये लोग आगे हैं। ये जानकारी स्थानीय ग्रामीण हरीश रावत ने दी है। हरीश रावत का कहना है कि ये बाहरी लोग रिखणीखाल, ढाबखाल, देवियोखाल आदि बाजारों में किरायेदार बनकर बगैर सत्यापन के किराये पर रहते हैं, इन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। पुलिस को अवगत कराया जाता है लेकिन निष्प्रभाव रहते हैं। ये बाहरी संदिग्ध लोग रिखणीखाल की शान्त वादियों में जहर घोलने व दूषित करने पर तुले हुए हैं। कूड़ा कचरा, गन्दगी फैलाने में भी ये सबसे आगे की पंक्ति में आते हैं।स्थानीय भवन मालिकों को भी चाहिए कि ऐसे संदिग्ध ठग, लुटेरे लोगों को भवन, दुकान वगैर सत्यापन के न दें। पुलिस सत्यापन अवश्य करायें। इस मुहिम में सबका साथ सबका विकास सबका प्रयास सबका विश्वास वाला फार्मूला अपनायें।तभी मुहिम को धार व सफलता मिलेगी। एक हरीश रावत के बुरा बनने से काम नहीं चलेगा।
क्या सत्यापन कराना सिर्फ देहरादून, कोटद्वार के लिए ही है, गाँव के कस्बों में क्यों आवश्यक नहीं समझा जाता? इसका प्रचार प्रसार करे, तभी लोग जागरूक होंगे। थाने से भी उचित कार्रवाई नहीं होती, क्या किसी अप्रिय व अनहोनी घटना का इन्तजार किया जा रहा है? स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इसमें आगे आना होगा या केवल चुनाव के समय ही।

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