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उत्तराखंड में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ, पढिये क्या है मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना

ब्यूरो

चमोली। उत्तराखंड राज्य में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास से योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं कैबनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्य ने लाभार्थियों को महालक्ष्मी किट वितरित किए। जिले में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने लाभाथियों को महालक्ष्मी किट वितरित किए।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रसव के बाद महिला को प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर एक-एक मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट तथा जुड़वा बालिकाओं के जन्म पर महिला एवं नवजात कन्या शिुशु को अलग-अलग किट दिए जाएंगे। इस योजना से जनपद चमोली 188 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।
 मुख्यमंत्री ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना लैंगिग असमानताओं को दूर करने में सहायक होगी। कहा कि आज बेटियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन जरूरी है। उन्होंने सभी से अपील की कि अपनी बारी आने पर कोविड वैक्सीन अवश्य लगाए। कहा कि हमारा लक्ष्य है कि अगले तीन-चार महीने के भीतर उत्तराखंड को देश का पहला राज्य बनाना है जहां सभी लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लग चुकी हो।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रसव के बाद मां और कन्या शिशु की देखभाल को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी योजना से सभी पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने की बात कही।
 जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने एनआईसी हाॅल में योजना के पात्र लाभार्थी यशोदा देवी, भुवनेश्वरी देवी, रूपा देवी, रिताम्बरा, चंदा, पूजा तथा प्रियंकला देवी को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट वितरित करते हुए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी वरूण चैधरी, डीपीओ संदीप कुमार सहित पात्र महिला लाभार्थी मौजूद थी।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिलाएं आंगनबाडी केन्द्रों पर पंजीकरण करें। संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र और यदि घर पर प्रसव हुआ हो तो आंगनबाडी या आशा वर्कर द्वारा जारी प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की प्रति, पहली, दूसरी या जुड़वा कन्या के जन्म की स्वप्रमाणित घोषणा, नियमित सरकारी, अद्र्वसरकारी या आयकरदाता न होने का प्रमाण पत्र दें।
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