
मनोज सैनी
देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुलाम नबी आजाद के पार्टी छोड़ने पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें भाजपा की बी टीम करार दिया। अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हरीश रावत ने लिखा है कि गुलाम नबी आजाद पार्टी को धोखा देने का मन बहुत पहले से बना चुके थे। जब उन्होंने कुछ साथियों के साथ पहला पत्र लिखा था, उस समय ही उनकी मंशा बिल्कुल साफ थी। फिर भी हम लोगों को उम्मीद थी कि सब ठीक हो जाएगा। इतने सालों का पार्टी से रिश्ता है, वो उसका मूल्य समझेंगे। मगर अनंतोगत्वा भाजपा की बी टीम बनने के लिए श्री गुलाम नबी आजाद ने कई-कई बहानों के साथ पार्टी से नाता तोड़ने का ऐलान किया है। मैं बहाना शब्द इसलिए कह रहा हूं क्योंकि गुलाम नबी साहब लंबे समय तक पार्टी के कर्ताधर्ता रहे हैं। उस समय भी ऐसे ही कुछ मिले-जुले सवाल उठते थे। पार्टी में ऊंच-नीच होता था। मगर जिस प्रकार श्री गुलाम नबी आजाद ने ऐसे समय में पार्टी को धोखा दिया है, वह पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं का अपमान है।
पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं ने पिछले दो-तीन महीनों के अंदर पूरी शक्ति लगाकर पार्टी को संघर्ष के लिए तैयार कर दिया है, महंगाई के खिलाफ कांग्रेस की हुंकार रैली और भारत जोड़ो यात्रा ऐतिहासिक होगी। श्री गुलाम नबी आजाद के त्यागपत्र का कार्यकर्ताओं व कांग्रेस के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा।श्री गुलाम नबी आजाद को यह नहीं भूलना चाहिए कि यह कांग्रेस पार्टी व गांधी-नेहरू परिवार ही था जिसने उन्हें देश के नेतृत्व की शीर्ष पंक्ति तक पहुंचाया। श्री गुलाम नबी आजाद को अनंतोगत्वा अपने निर्णय पर पछताना पड़ेगा, वो भाजपा की बी टीम बनकर रह जाएंगे।
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