प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल। रिखणीखाल प्रखंड के सीमांत गाँव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय कठूड के भवन की हालत जर्जर, जीर्ण-शीर्ण हो रखी है। जिसमें छात्र पढ़ने को विवश हैं। कभी भी चम्पावत जैसी घटना घटित हो सकती है। कमरों के अन्दर फर्श जगह-जगह टूटा व उखड़ रहा है तथा छत में लेन्टर का सरिया तितर-बितर व बुरी तरह जंक खा चुका है। सरकार कहती है कि उत्तराखंड को सन 2025 तक भ्रष्टाचार मुक्त व देश का नम्बर एक राज्य बनायेंगे।
आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी बनायेंगे। ये काम बाद में कीजिए पहले इन विद्यालय भवनों की मरम्मत तो करायें। विद्यालय भवन के अन्दर घुसते ही ऐसा लगता है कि कहीं हम घोडों के अस्तबल में तो नहीं आ गये। यही हाल राजकीय इन्टरमीडिएट कॉलेज द्वारी, पैनो के दो छोटे छोटे भवनों का भी है। एक भवन में तो बरसात से बचने के लिए शिक्षकों द्वारा प्लास्टिक पन्नी डाली है, दूसरे भवन में छत में एक भव्य व विशाल मछली तालाब बना है जिसमें इस समय छोटी छोटी मछली व मच्छर खूब पल रहे हैं। ये भवन ज्यादा पुराने नहीं है लेकिन निम्न श्रेणी की गुणवत्ता व मरम्मत देखभाल के अभाव में अपनी दशा स्वयं बयां कर रहा है। क्या सरकार का ध्यान इस ओर भी जायेगा या भ्रष्टाचार व घोटालों को सह देने में ही रहेगा।
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