
मनोज सैनी
हरिद्वार। उत्तराखण्ड के पुलिस महानिदेशक द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन मुक्ति के अनुक्रम में तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के दिशा निर्देशानुसार व हरिद्वार जनपद के नोडल अधिकारी क्षेत्राधिकारी नगर के पर्यवेक्षण में हर की पैड़ी क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान मे आपरेशन मुक्ति की टीम प्रथम (एएचटीयू हरिद्वार ) द्वारा आज एस.एम.जे.एन. (पीजी) कालेज हरिद्वार के सहयोग से चलाया गया। पुलिस व कालेज के छात्र-छात्राओं द्वारा नुक्कड नाटक के माध्यम से बाल भिक्षा वृत्ति को रोकने व पूर्णता से बंद करने की अपील देशभर से आये तीर्थ यात्रियों व श्रद्धालुओं से गई तथा उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान का व्यापक प्रचार प्रसार किया गया। देशभर से आये तीर्थ यात्रियों व श्रृद्धालुओ द्वारा उक्त मुहिम की भूरि भूरि प्रशंसा भी की गई। आज हरकी पैडी पर एस.एम.जे.एन. (पीजी) कालेज की टीम आपरेशन मुक्ति के द्वारा नुक्कड़ नाटक मालवीय द्वीप पर उत्तराखंड पुलिस के दिशा निर्देशों पर प्रस्तुति दी। प्रस्तुति देने वाले छात्र-छात्राओं में मुकुल पुंडीर, कामिल मसूरी, निक्की शर्मा, जिया यदुवंशी, अंकित कुमार, शिवानी त्यागी, परिचा त्यागी, कामना त्यागी, आकांक्षा मोगा, केशव, पुलकित चड्ढा, मनोज, रितेश त्रिपाठी, नेहा पाल, शिवानी पाल, प्रिंस कुणाल, हिमांशु धीमान, साक्षी, खुशी जैन ,विकास कश्यप सम्मिलित रहें।
आपरेशन मुक्ति एवं एस एम जे एन पी जी कालेज हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में यह नुक्कड नाटिका कुम्भ पर्यन्त हरिद्वार के मुख्य स्थलों में मंचित की जायेगी। यह जानकारी देते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि ऑपरेशन मुक्ति के तहत जन सामान्य एवं श्रद्धालु जनों को प्रेरित किया जाएगा कि भिक्षा देने के क्या गलत परिणाम है ? भिक्षा देकर आप पुण्य नहीं कमाते हैं बल्कि भिक्षा देकर आप देश के होनहारों को, किशोरों को तथा उनकी पीढ़ी को अपराधिक गिरोहों के हाथों में सुपुर्द करते हैं। ये अपराधिक गिरोह बच्चों को पकड़कर उनसे बाल भिक्षा मंगवाते हैं तथा बाद में यही बच्चे नशे तथा अपराध की और अग्रसर होते हैं। यदि पुण्य कमाना है तो इस प्रकार के बच्चों को यदि आप भीख मांगते हुए देखें तो तुरन्त स्थानीय पुलिस प्रशासन की मदद से उसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दें। उसके एडमिशन, शिक्षण फीस, कापी, पेंसिल इत्यादि के रुप में सहायता कर सकते हैं जिससे इस तरह की भिक्षा वृत्ति को बढ़ावा नहीं मिलेगा तथा एक संदेश हरिद्वार कुंभ नगरी से सम्पूर्ण देश में व्याप्त होगा। उत्तराखंड पुलिस के द्वारा विगत वर्ष भी इस मुहिम को चलाया गया था तथा इसके तहत लगभग 80 बच्चों भिक्षा वृत्ति से हटा कर उनको विभिन्न स्कूलों में भर्ती कराया गया था जो अभी भी लगातार शिक्षण में रत हैं। इसी प्रकार से कुछ और भिक्षा वृत्ति में रत युवाओं को पुलिस प्रशासन के द्वारा उनकी कौशल विकास क्षमता को देखकर प्रशिक्षण दिया गया तथा प्रशिक्षण प्राप्त करनें के बाद वे अब मुख्य धारा में शामिल होकर रोजगार प्राप्त कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं।
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