
मनोज सैनी
हरिद्वार। 11 फरवरी को मौनी अमावस्या व 16 फरवरी को बसंत पंचमी के स्नान पर्व को देखते हुए जिलाधिकारी, हरिद्वार ने कोरोनाकाल में जनपद में अत्यधिक संख्या में यात्रियों और श्रद्धालुओं के आने की संभावनाओं को देखते हुए आदेशित किया है कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के तरीके व अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों व एसओपी का अनुपालन किया जाना आवश्यक है। जो यात्री व श्रद्धालु उपरोक्त दोनों स्नान पर्वों पर हरिद्वार आने के इच्छुक हैं उन्हें भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा धार्मिक समागम के संबंध में जारी तक संबंधी दिशा निर्देश व एसओपी का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। साथ ही मौनी अमावस्या व बसंत पंचमी स्नान पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपेक्षा है कि वे आगमन तिथि से तीन दिवस की अवधि में कराई गई आरटी-पीसीआर विधि द्वारा कोविड-19 परीक्षण की नेगटिव रिपोर्ट लेकर अवश्य आएं व अपने राज्य के निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जिला अस्पताल में मेडिकल कॉलेज से शिक्षा प्रमाण पत्र के साथ आने की भी सलाह दी जाती है। जिलाधिकारी ने आदेशित किया है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कोविड-19 संक्रमण से बचाव हेतु जारी निर्देश अनुसार 65 वर्ष से अधिक आयु एवं गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं तथा 10 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को सलाह दी जाती है कि वह अति आवश्यक एवं स्वास्थ्य कारणों को छोड़कर 11 फरवरी 2021 जितना हो और अपने घर पर ही रहे। धर्मशाला, आश्रम, होटल, गेस्ट हाउस संबंधित जगह जहां पर यात्री श्रद्धालु रात्रि विश्राम करते हैं उन सभी व्यक्तियों की थर्मल स्केंनिंग करवाई जाए। यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस ले लक्षण लगते हैं तो इसकी सूचना तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर देने का कष्ट करें। साथ ही श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क व सेनेटाइजिंग का प्रयोग किया जाना भी आवश्यक है।
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