
इंतजार रजा
हरिद्वार। अपनी कारगुजारियों के लिये सुर्खियों में रहने वाले थोक केंद्रीय उपभोक्ता भंडार हरिद्वार में सचिव की बिना अनुमति के ही भंडार का सहायक आंकिक द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला आया सामने आया है। आपको बता दें भंडार के सचिव की बिना अनुमति के ही भंडार के एक कर्मचारी सहायक आंकिक द्वारा सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर पत्र जारी करने का मामला सामने आया। थोक केंद्रीय उपभोक्ता सरकारी भंडार लि0 हरिद्वार के पत्रांक मेमो दिनांक 1-7- 2021 को भंडार के सहाक आंकिक ने उपभोक्ता भंडार के सभी राशन के विक्रेताओं को दिनांक 3-7-2021 तक बिक्री की धनराशि को जमा करने और जमा न करने पर 14% ब्याज का हर्जाना बतौर बिक्री के साथ वसूलने का लेटर सीधे अपने हस्ताक्षर से जारी कर दिया। इस मामले मे थोक केंद्रीय उपभोक्ता भंडार के सचिव से इस बारे में बात की गई तो उन्होंन बताया कि यह फर्जी हस्ताक्षर है और यह मेरे हस्ताक्षर नहीं है। जबकि उपभोक्ता भंडार की ओर से बाइलॉज के अनुसार केवल सचिव ही पत्राचार करने के लिए आदेशित है। इतने बड़े फर्जीवाड़े को फर्जी नियुक्ति वाला कर्मचारी अंजाम दे रहा है लेकिन फिर भी विभाग आंखें बंद किए हुए हैं।
इन पत्रों को अपने हस्ताक्षर कर जारी करने वाला सहायक आंकिक फर्जी नियुक्ति में दोषी पाया गया जिसमें जांच कमेटी ने इस सहायक अंकित की नियुक्ति को फर्जी करार देते हुए इस सहायक आंशिक की नियुक्ति को निवेश करने के लिए आदेश पत्र जारी कर रखा है लेकिन फिर भी विभाग कुंभकर्णीय नींद में सोया है और यह सहायक आंकिक बिना सचिव की अनुमति के उसके हस्ताक्षर कर यानी स्वयं ही सचिव के हस्ताक्षर कर लोगों को पत्र आदेश जारी कर रहा है।
जो कि एक बड़े अपराध की श्रेणी में आता है और भ्रष्टाचार की चरम सीमा को दर्शाता है। यदि इस तरह के कारनामों को अंजाम देने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का कलम नहीं चलता है तो शायद कहना गलत नहीं होगा कि थोक केंद्रीय उपभोक्ता भंडार हरिद्वार में कार्रवाई नाम शब्द का शायद ही कोई महत्व रहा होगा।
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