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बीएसएनएल की संचार नेटवर्किंग सेवा से लोग दुखी व परेशान, सेवायें नहीं मिलने से उपभोक्ताओं के धन की हो रही बर्बादी

प्रभुपाल सिंह रावत

रिखणीखाल। मोदी जी का आधुनिक भारत में मेक इन इंडिया व डिजिटल इंडिया का ड्रीम प्रोजेक्ट का सपना चकनाचूर होता जा रहा है। रिखणीखाल प्रखंड में स्थित “क्वीराली” का भारत संचार निगम लिमिटेड की मोबाइल सेवायें विगत 10 दिन से बाधित व ठप्प पड़ीं है। इस पर तीन चार दर्जन गाँव निर्भर हैं लेकिन दस दिनों से इनका प्रदेश, देश और विदेश से पूरा सम्पर्क कट गया है। इस बारे में श्रीनगर व लैंसडौन में आराम फरमा रहे, भारत संचार निगम लिमिटेड के अधिकारियों से सम्पर्क कर रहे हैं लेकिन कोई भी अधिकारी फोन उठाने को खुश नहीं है। दिनांक 08 मई, 2022 को सामाजिक कार्यकर्ता प्रभुपाल सिंह रावत ने निर्जन गाँव महरकोट से श्रीनगर में उप महाप्रबंधक श्री जगदीश सिंह रावत को 9412000199 पर फोन लगाया तथा क्वीराली के टावर से अवगत कराया कि संचार सेवा बाधित है तो उनका जवाब था कि हमने तकनीशियन की टीम भेज रखी है जल्दी ही संचार सेवा चालू हो जायेगी लेकिन आजतक भी चालू नही हुई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि हम रिचार्ज कराते है लेकिन हमें सेवाये दस दिन भी नहीं मिलती। इनका महीना भी कभी 28 दिन व 21 दिन का होता है। मालूम पड़ता है कि हमेशा फरवरी का महीना लगा हो। उपभोक्ताओ के धन की बर्बादी हो रही है। स्कूली छात्र छात्राओं को जो टैबलेट मिला है वे एक “छुनछ्ण्या” खिलौने ही साबित हो रहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड के टावर लोगों को चिढा रहे है और लोग भी इसे फूटी ऑख से देख रहे हैं ये केवल शो पीस की तरह खड़े कर रखे हैं। सरकार कहती है सब कार्य डिजिटल व ऑनलाइन होगे लेकिन इस हालत में कैसे सम्भव हो सकेगा।

दिनांक 06/02/2022 को राजकीय इन्टर कॉलेज रिखणीखाल के खेल मैदान में हमारे लोकप्रिय राज्य सभा सांसद श्री अनिल बलूनी जी की चुनावी रैली थी जिसमें वे ये कहते सुने जा रहे हैं कि आप लोगों को कितने टावर चाहिए मै इतने टावर लगा दूंगा कि आप लोग गिनते गिनते थक जाओगे। मुझे लिस्ट दीजिए कि कहाँ कहाँ लगाने हैं।क्या वे ये अपना भाषण भूल गये हैं या जनता को ठगने व छलने को कहा। रिखणीखाल के लोग संचार सेवाओं से दुखी व व्यथित हैं।आजकल संचार नेटवर्किंग के बिना जीवन अधूरा है। आये दिन लोग रिखणीखाल विकास खंड, तहसील, बैक, डाकघर आदि से अपने काम न होने से बैरंग लौट रहे हैं। इस हालत में मेक इन इण्डिया, डिजिटल इण्डिया का सपना कैसे साकार होगा।

क्या उत्तराखंड सरकार, शासन, प्रशासन व प्रचंड बहुमत का ऑकडा छूने वाले इस रिखणीखाल की संचार नेटवर्किंग सेवा पर अपना ध्यान आकर्षित करेगें?

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