ब्यूरो
हरिद्वार। सरकारी सिस्टम सुधारने के सरकार चाहे जितने भी दावे और वादे कर ले लेकिन सरकारी सिस्टम आज भी वही लापरवाही व लचर व्यवस्था वाला बीमार ही है। इसकी बानगी एक बार फिर धर्मनगरी हरिद्वार में उस समय देखने को मिली जब एक गर्भवती महिला को उपचार ना मिल पाने के कारण महिला ने मेला अस्पताल के बाहर सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। महिला को अस्पताल ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस नहीं आयी। जिसके चलते महिला ने सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून से एक दम्पति देर रात हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। महिला गर्भवती थी, जिसको अचानक प्रसव पीड़ा हुई। दम्पति जल्दी ही हॉस्पिटल जाने के लिए सड़क पहुंचे। बताया जा रहा हैं कि महिला को प्रसव पीड़ा अधिक होने पर आसपास के लोगों ने मदद करते हुए 108 एम्बुलेंस को सूचना दी। आरोप हैं कि सूचना देने के बाद भी 108 एम्बुलेंस नहीं पहुंची, इसी दौरान देर रात महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
बताया जा रहा हैं कि कोई ओर कपड़ा न होने की वजह से व्यक्ति ने अपनी शर्ट उतार कर बच्चे को ढग लिया। करीब एक घंटा देर से पहुंची एम्बुलेंस जच्चे-बच्चे को लेकर महिला हॉस्पिटल पहुंचीं जहां पर चिकित्सक ने मां-बच्चे की जांच करते हुए दोनों को अस्पताल में भर्ती कर लिया। महिला का नाम रीना पत्नी राम बाबू उम्र करीब 35 साल निवासी मोतीहारी बिहार हाल सहस्त्र धारा देहरादून के रूप में हुई है। राम बाबू ने बताया कि वह देहरादून में राजमिस्त्री का काम करता है लेकिन कोई काम न होने के वजह से खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। उसकी पत्नी ने बिहार चलने के लिए कहा था लेकिन बिहार जाने तक के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, तब उसने पत्नी को बोला क्यों न हरिद्वार चलते हैं और वहां पर 5-10 दिन काम करने के बाद पैसे होगें, जब वह अपने घर बिहार चलेगें। दोनों रात को ट्रेन से हरिद्वार रेलवे स्टेशन पहुंचे, तभी पत्नी को दर्द उठ गया। वहां उपस्थित लोगों ने एम्बुलेंस को फोन किया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं पहुंची और पत्नी ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया।
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