
चमोली ब्यूरो
चमोली। जनपद चमोली की भीषण दैवीय आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए प्रक्रिया जारी की गई है। यह जानकारी देते हुए जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि शासन से जारी गाइड लाइन के अनुसार लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु प्रक्रिया निर्धारण के लिए उन्हें तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए कार्यवाही की जाएगी। पहली श्रेणी में आपदा प्रभावित स्थानों के स्थायी निवासी तथा आपदा प्रभावित स्थान के निकटवर्ती स्थानों के स्थाई निवासी, जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों में निवासरत थे। दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जनपदों के निवासी और तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के पर्यटक, व्यक्ति जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे।
आपदा प्रभावित स्थानों एवं निकटवर्ती स्थानों के स्थायी निवासी के लापता व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया इस प्रकार रहेगी। लापता व्यक्ति के निकट संबधी या उत्तराधिकारी द्वारा व्यक्ति के लापता होने एवं मृत्यु के संबध में नोटेराईज शपथ-पत्र के साथ निवास के स्थान पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के साथ लापता व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। यह रिपोर्ट जहाॅ से व्यक्ति लापता हुआ है संबधित पुलिस स्टेशन को भेजी जाएगी। प्रथम सूचना रिपोर्ट व पुलिस की रिपोर्ट सहित लापता व्यक्ति के परिचय साक्ष्य के रूप में राशन कार्ड, परिवार रजिस्टर एवं बैंक पासबुक आदि की प्रति के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्र के अभिहित अधिकारी (परगना अधिकारी/एसडीएम) को भेजी जाएगी। अभिहित अधिकारी लापता व्यक्ति के संबध में विस्तृत जांच करने के बाद मृत्यु की अस्थाई उपधारणा हेतु सकारण आदेश निर्गत करेगा। लापता व्यक्तियों की सूची समाचार पत्र, सरकारी गजट एवं सरकारी बेबसाइट पर प्रकाशित कर 30 दिनों के भीतर दावें व आपत्तियां प्राप्त की जाएगी। यदि निर्धारित तिथि तक कोई दावे व आपत्तियां नही मिलती तो मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा।
दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जनपदों एवं व तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के स्थाई निवासियों को मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया इस प्रकार होगी। लापता व्यक्ति के निकट संबधी या उत्तराधिकारी द्वारा नोटरी शपथ-पत्र के साथ निवास के मूल जनपद या राज्य में लापता होने एवं मृत्यु के संबध में प्रथम सूचना रिपोर्ट सहित लापता व्यक्ति की जानकारी दी जाएगी। यदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व से ही एफआईआर पंजीकृत की गई हो तो आपदा प्रभावित क्षेत्र के अभिहित अधिकारी इस रिपोर्ट को स्थानीय जांच हेतु लापता व्यक्ति के मूल जनपद या मूल राज्य के अभिहित अधिकारी को प्रेषित करेंगे। मूल जनपद या राज्य के जांच अधिकारी लापता व्यक्ति के संदर्भ में निकट संबधियों द्वारा दर्ज रिपोर्ट के संदर्भ में राज्य सरकार के देहरादून स्थित लापता व्यक्ति प्रकोष्ठ या मूल राज्य के नई दिल्ली स्थित स्थानिक आयुक्त कार्यालय के डेटाबेस सहित अन्य अभिलेखों के आधार पर विस्तृत जांच कर आख्या प्रभावित क्षेत्र के जांच अधिकारी को भेजेंगे। प्रभावित क्षेत्र के जांच अधिकारी इस संबध में उपलब्ध सूचनाओं, गवाहों, पुलिस रिपोर्ट व शपथ पत्र आदि अभिलेखों की पूरी जांच कर मृत्यु के संबध में सकारण आदेश संबधित मूल जनपद व राज्य के अभिहित अधिकारी को प्रेषित करेंगे। मूल जनपद व राज्य के अभिहित अधिकारी द्वारा लापता व्यक्तियों की सूची समाचार पत्र, सरकारी गजट एवं सरकारी बेबसाइट पर प्रकाशित कर 30 दिनों के भीतर दावें व आपत्तियों प्राप्त की जाएंगी। यदि निर्धारित तिथि तक कोई दावे व आपत्तियां नही मिलती तो मूल जनपद या राज्य के जांच अधिकारी से प्राप्त आख्या के आधार पर प्रभावित क्षेत्र के अभिहित अधिकारी द्वारा लापता व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा।
इस प्रक्रिया को लागू करने हेतु उत्तराखंड राज्य के अन्तर्गत परगना अधिकारी/उप जिला मजिस्ट्रेट को मृत्यु पंजीकरण अधिकारी नामित किया गया है। मृत्यु का पंजीकरण अधिनियम के अधीन मृत्यु होने से संबधित स्थान पर किया जाएगा।
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