
मोहित सैनी
लंढौरा। चमन लाल महाविद्यालय के अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रुप से भारत में जनसंख्या वृद्धि समस्या एवं चुनौतियां एक विमर्श विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी के प्रथम दिन वक्ताओं ने जनसंख्या वृद्धि के प्रभावों एवं निराकरण के विषय में विचार विमर्श किया। मुख्य वक्ता डॉ0 विजय रावत ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि से अधिक बड़ी समस्या संसाधनों का प्रबंधन न कर पाना है। जनसंख्या वृद्धि इस बात की ओर संकेत करती है कि हम मृत्यु दर कम करने में सफल रहे हैं जो किसी भी देश के लिए एक अच्छा संकेत है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए बहुत कड़े नियम भविष्य में वृद्ध जनसंख्या जैसी समस्याओं को जन्म देती है। इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण के साथ हमें संसाधन प्रबंधन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि डॉ0 अमिता श्रीवास्तव ने जनसंख्या वृद्धि के कृषि और खाद्यान्न उपलब्धता पर प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के साथ कृषि भूमि की उपलब्धता निरंतर कम हो रही है जिसके कारण खाद्यान्न आवंटन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के सापेक्ष हमें भोजन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए परिवहन लागत आदि का प्रबंधन करना होगा। विशिष्ट वक्ता डॉ0 अनीता मोरल ने कहा कि जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि मानव सभ्यता के हर पक्ष को प्रभावित करती है। पर्यावरण असंतुलन आर्थिक समस्याएं और सामाजिक समस्याएं जनसंख्या वृद्धि की देन है। उन्होंने पर्यावरण पर जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि बढ़ती जनसंख्या पर्यावरण असंतुलन की स्थिति पैदा कर रही है जो किसी भी प्रकार हमारे लिए उचित नहीं है अतः हमें जनसंख्या वृद्धि नियंत्रण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। महा विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष राम कुमार शर्मा ने कहा कि वर्तमान स्थिति जनसंख्या वृद्धि की रोकथाम किया जाना बहुत आवश्यक है और इसके लिए सबसे उपयुक्त उपाय शिक्षा को बढ़ावा देना है। शिक्षित व्यक्ति निश्चित रूप से जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणामों को जाने का और जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए मानसिक रूप से तैयार होगा। प्राचार्य डॉक्टर सुशील उपाध्याय ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को केवल समस्या के रूप में देखना उचित नहीं है बल्कि यह है वैश्विक स्तर पर एक बड़ा बाजार दुनिया को प्रदान करती है। जिससे विश्व के अनेकों देश निवेश करने को बाध्य हो जाते हैं और विकास के नए रास्ते खुलते हैं। संगोष्ठी आयोजन सचिव डॉ0 निशू कुमार ने कहां की जनसंख्या वृद्धि पर रोकथाम के लिए महिलाओं को शिक्षित करना आवश्यक है। संगोष्ठी के संयोजक विमल कांत ने अतिथियों और वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन डॉ0 नवीन कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ0 निशू कुमार और डॉ0 विमल कांत तिवारी द्वारा संपादित पुस्तक जनसंख्या वृद्धि समस्या एवं चुनौतियां एक विमर्श पुस्तक का विमोचन किया गया। महा विद्यालय प्रबंध समिति सचिव अरुण हरित तथा कोषाध्यक्ष अतुल हरीश ने ही संगोष्ठी को संबोधित किया। डा0 देव पाल, डॉ0 मीरा चौरसिया, विपुल सिंह, डॉ0 किरण शर्मा, डॉ0 अनुराग शर्मा, डॉ0 विनीत कुमार, डॉ0 कुलदीप कुमार आदि उपस्थित रहे
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