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भ्रष्टाचार: 5 लाख की फ़िल्म के फर्जी बिल बना अधिकारियों की मिलीभगत से 20 लाख रूपये लेने का आरोप, मामला हाइकोर्ट में

नैनीताल ब्यूरो

नैनीताल। उत्तराखंड में जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली टीएसआर सरकार की पोल एक बार फिर से खुल गयी है जब उत्तराखंड के फ़िल्म निर्माता, निर्देशक प्रदीप भंडारी ने कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद एवं महानिदेशक सूचना पर लगातार अनदेखी करने के बाद 3 नवम्बर को नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें उन्होंने 5 लाख में खरीदी गई गढ़वाली फिल्म पर 20 लाख रुपए का अनुदान लेने का सीधा आरोप लगया है। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सचिव उत्तराखण्ड शासन, महानिदेशक सूचना, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद अपर निदेशक, सूचना तथा मनीष वर्मा को प्रति शपथ पत्र कोर्ट में देने का कहा है। साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अनुदान लेने वाले व्यक्ति को 48 घंटे के भीतर नोटिस तामील कराने के भी निर्देश कोर्ट ने दिए हैं। मामले के अनुसार उत्तराखंड फिल्म निर्माता निर्देशक प्रदीप भंडारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने हेलो यू के नाम से एक गढ़वाली फिल्म बनाई थी। फिल्म को मनीष वर्मा ने पांच लाख में खरीद लिया था। याचिका में कहा गया कि 8 नवंबर को प्रदेश सरकार ने उत्तराखंडी फिल्मों को अनुदान दिया जिसमें हेलो यूपी के लिए मनीष वर्मा ने 98 लाख 24 हजार रुपए के बिल वाउचर जमा कर 20 लाख रुपये का अनुदान ले लिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह अनुदान फर्जी बिलों के आधार पर लिया गया है। याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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