मनोज सैनी
हरिद्वार। कोरोना का असर गांव हो या शहर सब जगह नजर आने लगा है। गांव के अधिकतर लोग शहर में स्थापित कंपनियां, दुकानों आदि पर काम करते हैं। कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन से वह बेरोजगार हो गए हैं। अब यह वर्ग घर पर ही रहकर कुछ भी करके परिवार का पेट पालना चाहते हैं। ऐसे में मनरेगा के तहत मिलने वाला काम इनके रोजगार का साधन बन सकता है लेकिन इस समय मनरेगा के कर्मचारियों की हड़ताल होने के कारण इन लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। मनरेगा में विभिन्न पदों पर कार्यरत मनरेगा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर करीब 3 महीने से हड़ताल पर है। यह कर्मचारी ग्रेड पे की मांग और किसी आउटसोर्स कंपनी में किए जाने के विरोध में हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं दूसरी और इनकी हड़ताल का असर गांव में भी दिखने लगा है। महानगर के इंटक युवा अध्यक्ष मोनिक धवन ने कहा है कि इस समय अधिकतर लोगों के कामकाज ठप पड़े हैं और मनरेगा में मिलने वाले काम को लेकर भाजपा सरकार को मनरेगा कर्मचारियों से बात करके जल्द ही इस हड़ताल को समाप्त करवाना चाहिए और मनरेगा के तहत बेरोजगार हुए लोगों को काम दिए जाने की व्यवस्था बनानी चाहिए। महानगर युवा इंटक अगर जल्दी व्यवस्था नहीं बनाई जाती तो इसमें अपनी नाराजगी दर्ज करेगा।
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