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शांतिकुंज प्रमुख पर लगे दुष्कर्म के आरोप थे फर्जी, दोबारा जांच में हुआ खुलासा

ब्यूरो
हरिद्वार। शांतिकुंज प्रमुख के खिलाफ साजिश में मां-बेटी को ढाल बनाकर दिल्ली ले जाकर झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने मां-बेटी के साथ मारपीट करते हुए उनको डरा धमका कर जबरन मुकदमा कराया था। जिसका खुलासा कोर्ट के पुन: विवेचना के आदेश के बाद हुआ है। आरोपी मूल रूप से झारखंड का रहने वाला है, जिसको शनिवार को पुलिस मेडिकल के बाद कोर्ट में पेश करेगी। घटना के पीछे संस्था को बदनाम करने का मकसद सामने आया है। कोतवाली नगर प्रभारी निरीक्षक राकेन्द्र सिंह कठैत ने बताया कि शांतिकुंज प्रमुख डाॅ. प्रणव पंडया व शैलबाला के खिलाफ दिल्ली के थाना विवेक विहार में छत्तीसगढ़ की रहने वाली किशोरी ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस ने मामला कोतवाली नगर हरिद्वार का होने के कारण मुकदमा शून्य में दर्ज कर हरिद्वार स्थान्तरित किया गया था। मामले की विवेचना करने के बाद तत्कालीन विवेचना अधिकारी ने तथ्यों के साथ एफआर लगाकर मामले को कोर्ट में दाखिल कर दिया था। कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए पुनः विवेचना करने के आदेश दिए थे।


कोर्ट के आदेश के बाद घटना की विवेचना महिला उप निरीक्षक किरण गुंसाई को सौंपी गई। विवेचना के दौरान छत्तीसगढ़ की रहने वाली पीड़िता से मिलकर घटना के बारे में बारीकी से जांच करने के बाद किशोरी के कोर्ट में बयान दर्ज करवाए गए। विवेचना अधिकारी को पीड़िता ने बताया कि मनमोहन पुत्र सिकंदर निवासी सारजामदा परसुडीह पूर्वी सिंहभूम झारखंड उसे और उसकी मां को बहला फुसला और डरा धमका कर छत्तीसगढ़ से फ्लाइट में बैठा कर दिल्ली ले गया था। दिल्ली में एक कमरे में बंद कर उसके साथ मारपीट करते हुए जबरन शांतिकुंज प्रमुख डाॅ. प्रणव पंडया व शैलबाला के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। दिल्ली से मुकदमा दर्ज होने के बाद हरिद्वार उसे लाया गया जहां कोर्ट में अधिवक्ता के माध्यम से झूठा बयान भी दिलवाया था। विवेचना अधिकारी ने पूरे मामले की जांच करने के बाद शांतिकुंज प्रमुख के खिलाफ षड्यंत्र रचने वाले आरोपी मनमोहन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस शनिवार को मेडिकल के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश करेगी।

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