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संसद में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक के खिलाफ पत्रकारों का संसद मार्च

मनोज सैनी
नई दिल्ली। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन, इंडियन वुमेंस प्रेस कॉर्प, दिल्ली पत्रकार संघ और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशनदेश के साथ साथ देश के जाने माने संपादकों, पत्रकारों, फोटो जर्नालिस्ट और संसद के दोनों सदनों को कवर करने वाले रिपोर्टरों द्वारा अपनी मांगों को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया से संसद तक विरोध प्रदर्शन और मार्च किया।

विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग कर रहे थे कि संसद के स्थायी पास धारक पत्रकारों को संसद परिसर तथा दोनों सदनों की प्रेस गैलरी में प्रवेश होना चाहिये क्योंकि सरकार ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है और केवल चुनिंदा लोगों को अनुमति दे रही है।
विरोध प्रदर्शन में शामिल सभी ने अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभा पति एम वेंकैया नायडू को इस बारे में एक ज्ञापन भी दिया।


उनकी मांग थी कि जिन पत्रकारों के पास स्थायी पास है ,उन्हें संसद परिसर तथा राज्यसभा और लोकसभा की पत्रकार दीर्घा में प्रवेश की अनुमति दी जाए ताकि वे पहले की तरह सदन की कार्यवाही नियमित रूप से कवर कर सकें। जुलाई में लोकसभा अध्यक्ष ने यह निर्णय लिया था कि स्थायी पास धारकों को संसद कवर करने के लिए पत्रकार दीर्घ के पास पहले की तरह बनेंगे, उस फैसले को लागू किया जाय। संसद के सेंट्रल हाल के पास बनने पर जो पाबंदी लगी है उसे हटाकर पहले की तरह नए पास बनाएँ जाएं। वरिष्ठ पत्रकारों की लंबी सेवाओं को देखते हुए इस सुविधा को बहाल किया जाए। दीर्घावधि समय तक संसद कवर करनेवाले पत्रकारों के विशेष स्थायी पास फिर से पहले की तरह बने जो उनके पेशे की गरिमा और सम्मान के अनुरूप है। फिलहाल सरकार ने इस पर भी रोक लगा रखी है। जिन पत्रकारों को सत्र की पूरी अवधि के लिए जो पास बनते थे, उन्हें पहले की तरह पास बनाएं जाएं ताकि वे सदन की कार्यवाही कवर कर सकें क्योंकि सरकार द्वारा पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगने से उनकी नौकरी और सेवा पर भी असर पड़ा है जिससे उन्हें छंटनी का भी सामना करना पड़ा है। सभी संपादकों , ब्यूरो चीफ तथा पत्रकारों, संवाददाताओं, प्रेस छायाकारों ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए पत्रकारों को संसद कवर करने का अवसर पहले की तरह मिले।

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