
सुनील मिश्रा
हरिद्वार। अविरल गंगा समझौता रक्षा समिति के अध्यक्ष पंडित अनमोल वशिष्ठ ने आज हरिद्वार प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर प्रदेश के मुखिया द्वारा गंगा स्क्रैप चैनल शासनादेश को पिछले 4 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक रद्द नहीं किए जाने और नया शासनादेश अभी तक जारी नहीं किए जाने की घोषणा पर सवालिया निशान लगाते हुए इसे गंगा भक्तों के साथ धोखा करार दिया है। इस मामले को उत्तराखंड हाई कोर्ट ले जाने वाले युवा पुरोहित अनमोल वशिष्ठ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया की यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। यह सिर्फ और सिर्फ पिछले 4 वर्षों की तरह एक घोषणा ही है। सरकार ने ना तो अभी तक एस्केप चैनल वाला शासनादेश निरस्त किया है और ना ही कोई नया शासनादेश जारी किया है। यह गंगा भक्तों और सनातन धर्म प्रेमियों की भावनाओं के साथ सिर्फ और सिर्फ घोषणाएं करके धोखा किया जा रहा है। पंडित अनमोल ने बताया की हाई कोर्ट द्वारा मामला उनके पक्ष में आने के बाद ही हरीश रावत जी हरिद्वार आए थे और मां गंगा तट पर आकर उन्होंने मां गंगा से माफी भी मांगी थी। जबकि दूसरी ओर पुरोहितों की संस्था ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाने की भी घोषणा कर दी थी। पंडित अनमोल ने कहा कि की सरकार बार-बार घोषणाएं ना करके पुराने शासनादेश को अभिलंब निरस्त करें तो ज्यादा बेहतर होगा। उन्होंने कहा गंगा भक्तों और संतों का दावा गलत था माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अभी वर्तमान तक कोई भी शासन आदेश निरस्त नहीं किया गया है। उन्होंने सिर्फ और सिर्फ घोषणा ही की है कि जल्द ही शासनादेश निरस्त कर देंगे वही एक प्रश्न का उत्तर देते हुए पंडित अनमोल ने कहा कि अगर सरकार लिखित में कोई शासनादेश जारी नहीं करती है तो वह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
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