
प्रभुपाल सिंह रावत
रिखणीखाल। रिखणीखाल प्रखंड के आठ दस ग्राम पंचायतो के प्रधान आज अपने संगठनात्मक चुनाव कार्यक्रम से लौट ही रहे थे कि उनकी नजर पाणीसैण व कंडिया के बीच प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क पर कार्य कर रहे मजदूरों पर पड़ी तो वे भौचक्के रह गये। सड़क पर जो गढ्ढे भरने का कार्य हो रहा था वह सिर्फ पत्थर व मिट्टी से गढ्ढे भर रहे थे। इन सब प्रधानो ने उन्हे रोका व टोका और कहा कि सड़क के गड्ढों में मिट्टी क्यों भरी जा रही है तो इस पर वे मजदूर आग बबूला होकर प्रधानो पर चिपट गये। इनमे दो महिलाए भी थी जो उग्र हो गयी तथा प्रधान महिपाल सिंह रावत का फोन छीना तथा जो वीडियो बना था उसे डिलीट कर दिया।ये मजदूर लगभग तरह चौदह पुरुष व महिलाए थे। इन प्रधानो को अपनी जान बचाने में ही भलाई समझी। फिर ये जो वीडियो है मजदूरो के जाने के बाद बनाया है।
आप देख सकते है कि सड़क की गुणवत्ता कैसी है। इन्होंने एक जनप्रतिनिधि होने का फर्ज निभाया लेकिन इनके गले की फांस बन गयी। इनमें मुख्य रूप से ग्राम प्रधान नावेतली, सिलगाव, डला, द्वारी, अन्दरगाँव, पूर्वी छडियाणी, मुच्छेलगाव, क्वीराली आदि थे। अब इन प्रधानो का कहना है कि क्या अपने अधिकारो का प्रयोग करना या आवाज उठाना गुनाह है? क्या पी एम जी एस वाई के अधिकारीगण का इन्हे संरक्षण प्राप्त है।क्या जनप्रतिनिधियो पर ऐसे ही हमले होते रहेंगे।
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