
सुनील मिश्रा
हरिद्वार। हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर आज बुधवार को मेष संक्रांति वैशाखी पर्व का मुख्य कुंभ स्नान चल रहा है। 13 अप्रैल मंगलवार की रात 2:33 के बाद सूर्य के मेष राशि में आने के बाद बने पुण्य काल के चलते भारी संख्या में लोगों ने आधी रात से ही हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर पहुंचकर गंगा में स्नान करना शुरू कर दिया था। हरिद्वार सहित पंचपुरी के तमाम स्थानीय लोगों ने 13 अखाड़ा के द्वारा हर की पौड़ी पर किए जाने वाले तीसरे शाही स्नान को देखते हुए आज सुबह 7:00 बजे से पूर्व ही मां गंगा के अमृतमयी जल में डुबकी लगाकर कुंभ के मुख्य स्नान का पुण्य प्राप्त किया।
आपको बता दें कि पूर्व निर्धारित तय क्रम अनुसार आज सुबह सर्वप्रथम श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने अपने सहयोगी आनंद अखाड़े के नागा साधु संतों के साथ हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर पहुंचकर कुंभ का तीसरा शाही स्नान कर लिया है। कुंभ मेला प्रशासन द्वारा की गई चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े की पेशवाई आज सुबह अपनी छावनी से प्रारंभ होकर सुबह 9:00 बजे अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी की अगुवाई में हर की पौड़ी पर पहुंची। हर हर महादेव हर हर गंगे के उद्घोष करते हुए उनके साथ आए सहयोगी आनंद अखाड़े ने संयुक्त रुप से गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हुए कुंभ का तीसरा शाही स्नान कर लिया है। स्नान क्रम में दूसरे नंबर पर जूना अपने सहयोगी अग्नि आह्वान और उनके साथ आए किन्नर अखाड़ा के साथ शाही स्नान करेगा। वहीं तीसरे नंबर पर महानिर्वाणी अखाड़ा अटल अखाड़ा के साथ शाही स्नान करेगा। इसके बाद क्रमवार बैरागी यो के निर्मोही दिगंबर और निर्वाणी अखाड़ों के संत शाही स्नान करेंगे। तत्पश्चात बड़ा उदासीन नया उदासीन के बाद सबसे आखिर में शाम को निर्मल अखाड़े के संत शाही राजसी ठाठ बाट के साथ हर की पौड़ी पर कुंभ का तीसरा शाही स्नान करेंगे। आपको बताते चले कि ज्योतिषीय दृष्टि से आज देव स्नान शुरू हो चुका है। इस बारे में तीर्थ पुरोहित समाज के ज्योतिषाचार्य पंडित प्रतीक मिश्र पुरी ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए बताया अखाड़े के संतों के स्नान क्रम की तरह देवताओं का भी तिथि के अनुसार कुंभ स्नान होता है। उन्होंने बताया 14 अप्रैल आज बुधवार से देवों का कुंभ स्नान आज से शुरू हो चुका है जोकि 14 मई तक चलेगा। 14 अप्रैल द्वितीय तिथि पर ब्रह्मदेव अमृत की होरा में अपने परिवार सहित गंगा में स्नान करने आएंगे। अत: जो भी श्रद्धालु भक्तगण इस दिन गंगा में स्नान करेंगे उन्हें अमृत तत्व की प्राप्ति होगी।
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