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होटलों के सत्यापन को लेकर कहीं खाना पूर्ति तो नहीं कर रहा हरिद्वार प्रशासन, अभी तक मात्र 60 बड़े होटलों को दिया गया नोटिस

मनोज सैनी
हरिद्वार। भाजपा नेता का राजा जी नेशनल पार्क, चीला में अवैध रूप से संचालित वनंत्रा रिसोर्ट में अंकिता हत्याकांड़ के बाद प्रदेश के मुखिया श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद तीर्थ नगरी हरिद्वार के होटलों और रिसोर्ट को लेकर हरिद्वार प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। जिसके चलते शहर में संचालित हो रहे होटलों, रिसोर्ट आदि को नगर मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह ने नोटिस जारी कर 12 आवश्यक दस्तावेज मांगे है।

 

नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि पहले चरण में 25 रजिस्टर्ड होटलों को नोटिस जारी कर 1अक्तूबर को आवश्यक दस्तावेज दिखाने के लिए बुलाया है और दूसरे चरण में 35 रजिस्टर्ड होटलों को 11 अक्टूबर को अभी आवश्यक दस्तावेज दिखाने के लिए बुलाया है। सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि उक्त समय में सभी संबंधित अधिकारियों को भी बुलाया गया है ताकि कोई भी होटल स्वामी/मैनेजर कोई बहाना न बना सके। लेकिन इन सबके बीच महत्वपूर्ण सवाल यह है की तीर्थ नगरी हरिद्वार में गली गली में हजारों होटल अवैध रूप से संचालित हो रहे है लेकिन नोटिस केवल उन्हें ही दिया जा रहा है जो पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं। उन होटलों क्या जो अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं।

देखा जाए तो हरिद्वार की गली गली में ऐसे कई होटल हैं जहां अवैध गतिविधियां भी चलती हैं, लेकिन उन पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अब यह मान लिया जाए की प्रशासन द्वारा रजिस्टर्ड होटलों पर की जा रही कार्यवाही मात्र खाना पूर्ति है, इससे ज्यादा कुछ नहीं क्योंकि अधिकतर बड़े व रजिस्टर्ड होटल तो सरकारी नियमों का पालन करते ही हैं, यदि कोई सरकारी नियमों का पालन नहीं करता वह है छोटे और गली गली व घर घर में खुले छोटे होटल। वनंत्रा रिसोर्ट इसी प्रकार के होटल का एक उदाहरण है जहां किसी भी सरकारी नियम का पालन नहीं किया गया था।

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