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10 किलोग्राम वजनी आरटीआई दस्तावेजों का बंडल, डाकिया हुआ परेशान व हैरान।

प्रभुपाल सिंह रावत

रिखणीखाल। रिखणीखाल के ही स्थानीय निवासी मंगत सिंह रमोला ने लोक सूचना अधिकारी/ खंड विकास अधिकारी रिखणीखाल, लोक सूचना अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी व लोक सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों से सूचना के अधिकार के अंतर्गत दिनांक 01/04/2020 से 31/03/2021 तक निम्न बिन्दुओ पर सूचना मांगी थी, जिसकी सुनवाई राज्य सूचना आयोग देहरादून में 13/10/2022 को हुई। जिसमें रिखणीखाल प्रखंड के 13 लोक सूचना अधिकारी हाजिर हुए। इस तिथि तक उन्होंने कोई भी सूचना का जवाब नहीं दिया था। आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए पन्द्रह दिन में जवाब देने को आदेशित किया।1

– राज्य वित व विधायक निधि के अन्तर्गत जो भी धनराशि 81 ग्राम पंचायतों पर व्यय हुआ।

2- मनरेगा के तहत जो भी धनराशि व्यय हुई,एम बी की छायाचित्र सहित।

3- जौब कार्ड धारकों के नाम पता,आधार कार्ड सहित।

4- राज्य व केंद्र वित का पूरा विवरण।
5- सभी ग्राम पंचायत के सौर ऊर्जा का विवरण।

ज्ञात हो कि रिखणीखाल प्रखंड के अन्तर्गत 81 ग्राम पंचायते हैं। अब 15 दिन बीत जाने के बाद ये लगभग 10 किलोग्राम का आर टी आई दस्तावेज का बंडल अपीलकर्ता को भाऊवाला, देहरादून सकुशल पहुंच गया है। अभी कुछ आना शेष है। इस बंडल व गठ्ठे में लगभग 8000 पेज हैं जो कि रिखणीखाल प्रखंड के 81 ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचार,घोटालों के कारनामों से भरे हैं। ये सिर्फ एक साल का है। यदि पांच साल का मांगा जाता तो कितना होता। जब अपीलकर्ता को ये आर टी आई का दस्तावेज का गठ्ठा पहुँचा तो डाकिया सिर पर रखकर तथा पसीने से लथपथ नजर आ रहा था, जिसको देखकर अपीलकर्ता भी घबरा गया। अब आजकल अपीलकर्ता दिन रात गहनता से अध्ययन कर रहा है,अब देखते हैं कि इसमें से कितना जहर बाहर निकलकर आता है।

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