सुनील मिश्रा
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में भी आज विजयदशमी पर्व का त्यौहार घर-घर में पूजा अर्चना कर मनाया गया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने लंकाधिपति असुर राज रावण का वध किया था। विजयादशमी पर्व को असत्य पर सत्य की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन लोग अपने अपने घरों में अस्त्र शस्त्रों की पूजा भी करते हैं क्योंकि भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने से पूर्व मां भगवती अपराजिता देवी का पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया था। आज के दिन लोग मां भगवती अपराजिता देवी की भी पूजा अर्चना करते हैं वहीं कुछ लोग शमी वृक्ष की पूजा करते हैं। इसी परंपरा अनुसार आज हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित ब्राह्मणों ने भी अपने अपने घरों में भगवान श्री राम की आटे से प्रतीकात्मक चित्र बनाकर उनकी विधिवत शास्त्रोक्त पंचोपचार पूजा अर्चना की। इसके बाद परंपरा अनुसार दोहे उत्तर का नीर दक्षिण का चीर पूरब का वर् दा पश्चिम का घोड़ा श्री रामचंद्र जी का पा य ता ही पायता बोलकर श्री राम जी की पूजा पूर्ण की वहीं दूसरी और परंपरा अनुसार माताओं और बहनों ने साईं काल में अपने अपने भाइयों के कानों पर नौरते रखकर उनकी लंबी आयु की कामना की।
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