प्रभुपाल सिंह रावत
नैनीडांडा/रिखणीखाल। जनपद पौड़ी गढ़वाल के नैनीडाडा प्रखंड के ग्राम पंचायत चिलाऊ के अन्तर्गत ग्राम सौपखाल के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण करने हेतु एक सामुहिक बैठक आहूत की। बैठक की अध्यक्षता जसवंत सिंह कंडारी व मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत चिलाऊ प्रधान श्रीमती गीता देवी थे। ये ग्राम पंचायत रिखणीखाल व नैनीडाडा के सीमावर्ती सरहद में बसे हैं जिससे सरकार का ध्यान इन गाँवो की ओर नही जाता। ये सीमान्त गांव के चक्कर में मारे जा रहे है या चक्की में घुन की तरह पीसे जा रहे है।
ग्रामीणो का कहना है कि आजादी के 74 साल गुजरने के बाद भी हम कुएँ के मेढक कुएँ में ही रह गये है। हमको हर जगह से पैदल ही आना जाना पडता है। हम कई बार अनापत्ति प्रमाणपत्र के साथ स्थानीय विधायक लैंसडौन से गुहार लगा चुके है लेकिन उनके कान में जूं भी नही रेंग रही है। जबकि हमें तीन-चार किलोमीटर सड़क ही चाहिए जो हमारा मौलिक अधिकार भी है लेकिन हमें भीख मांगने को मजबूर किया जा रहा है। सरकार बात करती है “सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास” लेकिन न हमारा साथ दे रहे है न विकास कर रहे है और न अब हमारा विश्वास रहा है। यहाँ पर न सडक, न नेटवर्किंग, न अस्पताल, न डाक्टर, न कोविड किट, सिर्फ बीमार ही नजर आ रहे हैं। सरकार की कोई योजना इस गाँव तक नही पहुंचती। पहुँचेगी कैसे? न रिखणीखाल पूछता है न नैनीडाडा पूछता है। हालत वैसे ही है जैसे अंग्रेज छोड़कर गये थे। अब आम सभा में निर्णय लिया है कि सड़क निर्माण के लिए प्रत्येक परिवार न्यूनतम एक हजार रुपए चन्दा के रूप में संग्रह होगा। जिसे लोगो ने सहर्ष स्वीकार किया है। इसी परिप्रेक्ष्य में एक ही दिन में चालीस हजार रुपए जमा हुए हैं।अभी अभियान जारी है। प्रधान जी भी यथाशक्ति अपने स्तर से सहायता करेगे। तत्काल प्रभाव से सड़क निर्माण कार्य शुरू करने का कार्य सुनिश्चित किया है। सभा में उपस्थित लोगों ने सरकार को चेतावनी दी है तथा संकल्प लिया है कि 2022 में रोड नही तो वोट नहीं का फार्मूला अपनाया जायेगा।
सड़क निर्माण के लिए एक दिन के दान दाताओ की सूची निम्न प्रकार है। सर्व श्री होशियार सिंह कंडारी दस हज़ार रुपए, देवेन्द्र कंडारी इक्कीस सौ, रामेनदर सिंह कंडारी इक्कीस सौ, पान सिंह इक्कीस सौ, विक्रम सिंह कंडारी पाच हजार, राजे सिंह गुसाई इक्कीस सौ, जसवंत सिंह कंडारी ग्यारह सौ, बीर सिंह कंडारी एक हजार, आनंद सिंह कंडारी एक हजार, दर्शन सिह कंडारी एक हजार, प्रेम सिंह कंडारी एक हजार, धर्मपाल कंडारी ग्यारह सौ, गौरव रावत एक हजार, राजे सिंह रावत एक हजार, गोविंद रावत एक हजार, मनोज रावत एक हजार, गजे सिंह रावत एक हजार, गोविंद सिंह रावत पन्द्रह सौ, कमल सिंह रावत एक हजार रुपए।
ग्रामीणो का कहना है कि जब हमने चन्दा उगाही करके सड़क बनानी है तो सरकार का क्या काम है। सिर्फ भ्रष्टाचार करना है। अगर सरकार है तो हमारी क्यों नहीं सुनती है। लगता है सीमांत गाँव के लिए सरकार अस्तित्व में नहीं है। ये सरकार के लिए एक आईना भी है और एक तमाचा भी होगा।
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