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बड़ी खबर: मेयर ने किया विधायक निधि से बने पुस्तकालयों का निरीक्षण: जर्जर हालात में पुस्तकालय के नाम पर बने भवनों में किताबे नहीं मिली शराब की खाली बोतलें, देंखे वीडियो

मनोज सैनी

हरिद्वार। उत्तराखंड में अधिकारी कितने लापरवाह, नकारा व गैरजिम्मेदार हो चुके है इसका जीता जागता उदाहरण नगर निगम, हरिद्वार में देखने को मिला। नगर निगम के आलाधिकारी इतने आरामपरस्त जो चुके हैं कि वे अपने एसी कमरों से बाहर निकलने की जहमत तक नहीं उठाते और एसी कमरों में बैठकर ही जनता के पैसों को ठिकाने लगाने की योजना को अंजाम देते रहते है। हालिया मामला विधायक निधि से बने पुस्तकालयों हेतु सामानों की खरीद से जुड़ा है। नगर निगम के मुख्य नगर अधिकारी द्वारा धरातल पर जाए बिना ही पुस्तकालय हेतु सामानों की खरीद हेतु फ़ाइल बनवाकर नगर निगम की मेयर के पास भिजवा दिया। मेयर ने जब फ़ाइल देखी तो वह भौचक्की रह गयी। फिर क्या था। मेयर ने निगम अधिकारियों व पत्रकारों को साथ लेकर नगर निगम को हैंड ओवर हुए पुस्तकालयों का निरीक्षण करने निकल पडी।

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के पास न तो पुस्तकालयों की चाबी थी और न कोई जवाब। इस पर मेयर अनिता शर्मा ने अपनी नाराजगी भी जताई। आपको बताते चलें कि विधायक मदन कौशिक द्वारा अपनी विधायक निधि से पुस्तकालय निर्माण के लिए पैसा दिया गया था लेकिन धरातल पर पुस्तकालय नहीं बने। जिसकी कोर्ट में याचिका भी दायर की गई। इसी संदर्भ में कोर्ट द्वारा निगम से भी पुस्तकालयों की जानकारी मांगी गई। मुख्य नगर आयुक्त द्वारा पुस्तकालयों में सामान के लिए टेंडर भी निकाला जा रहा है। मेयर ने निगम अधिकारी दिनेश उनियाल और दिनेश कांडपाल से पुस्तकालयों की जानकारी ली और साथ लेकर निरीक्षण किया। मेयर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि खड़खड़ी स्थित कुंज गली के बारात घर में ही पुस्तकालय बनाया गया। जिसकी हालत बहुत ज्यादा जर्जर है। कभी भी उसकी सीढियां और छत गिर सकती है। निगम अधिकारियों के पास टंकी नंबर 6 स्थित पुस्तकालय की चाबी भी नही थी। इस पर मेयर ने उपस्थित अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि जब चाबी नही है तो क्या दिखाने लाए। शिवलोक स्थित पुस्तकालय में लोगों ने अतिक्रमण किया हुआ है। उसमे शराब की खाली बोतलें अनाज, संदूक आदि रखा मिला। अधिकारियों ने चाबी अपने पास नही रखकर लोगों को बांटी हुई हैं। मेयर ने कहा कि पुस्तकालयों की हालत बहुत खराब है। उसमे बच्चे कैसे पढ़ेंगे? बच्चों की सुविधा के लिए कुछ नहीं है। जो समान का टेंडर निकाला जा रहा है उसे निरस्त किया जाएगा। अधिकारी जनता के साथ धोखा कर रहे। कभी निरीक्षण के लिए अपने कमरों से बाहर नहीं निकलते अगर निकले होते तो आज पुस्तकालयों की हालत ऐसी नहीं होती। ये तो बहुत बड़ा घोटाला है जिसकी जांच होनी चाहिए। मेयर प्रतिनिधि अशोक शर्मा और पार्षद राजीव भार्गव ने कहा कि अधिकारी अपने कार्य भी ठीक तरीके से नहीं कर रहे। जब कोर्ट ने पुस्तकालय हैंडओवर करवाए हैं तो उसकी रखरखाव क्यों नही की जा रही। अधिकारियों के पास पुस्तकालयों की चाबी नहीं होना उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। वहीं अधिकारियों ने बताया कि चाबी किसके पास है और सामान किसने रखवाया इसकी जांच की जाएगी।
इस अवसर पर पार्षद प्रतिनिधि अमन गर्ग, कांग्रेस अनुसूचित विभाग जिलाध्यक्ष सुनील कुमार, संगम शर्मा, सुमित भाटिया, नीटू शर्मा, मनोज जाटव, सचिन जोन, सुरेंद्र सैनी, नकुल महेश्वरी आदि उपस्थित थे

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