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यदि आप पेंशनधारक है तो इस बात से रहे सावधान!

मनोज सैनी
चमोली। साइबर अपराधियों द्वारा आजकल पेंशन घारकों को ‘‘जीवन प्रमाण पत्र’’ ऑनलाइन अपडेट करने के लिए फर्जी कॉल किए जा रहे है। उनके पास पेंशन धारकों का पूरा डेटा जैसे नियुक्ति व सेवानिव्त्ति की तिथि, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड संख्या, स्थायी पता, ईमेल आईडी, सेवानिवृत्त पर प्राप्त राशि, मासिक पेंशन, नॉमनी आदि की जानकारी रहती है। साइबर अपराधी पेंशनधारकों को कॉल कर उन्हें पहले ये सब जानकारी देते है। ताकि पेंशन धारक को लगे कि वे पेंशन निदेशालय से है। वे पेंशन धारकों का पूरा डेटा बताते हुए उनको ‘‘जीवन प्रमाण पत्र’’ अपडेट करने हेतु ओटीपी साझा करने के लिए कहते है। एक बार जब पेंशन धारक फोन पर आए हुए ओटीपी को साझा कर देते है तो, जालसाजों को पेंशन धारक के बैंक खाते का डायरेक्ट एक्सेस कन्ट्रोल मिल जाता है और वे पेंशन धारक के खाते में जमा धनराशि को तुरंत दूसरे फर्जी बैंक खातो या वॉलेट में स्थानांतरित कर देते है। मुख्य कोषाधिकारी डा0 तंजीम अली ने बताया कि पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नही करता है और ना ही जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करता है। पेंशन धारक को स्वयं अपने जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट कराना चाहिए। उन्होंने पेंशन धारकों को जागरूक करते हुए कहा कि इस तरह की फर्जी कॉलों से बचे व साइबर क्राइम सेल को सूचित करे।

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