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सीईओ ने 1 को छोड़कर 14 अवैध नियुक्तियां पाये शिक्षकों का किया शासनादेश जारी, सन्देह के घेरें में सीईओ की कार्यशैली

मनोज सैनी
हरिद्वार। मुख्य शिक्षा अधिकारी शिव प्रसाद सेमवाल ने बी0आर0 अम्बेडकर इंटर कॉलेज, गढ़मीरपुर, हरिद्वार के खिलाफ सचिव उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या 18(1) / XXIV/ 2021-8 (43) /2014 माध्यमिक शिक्षा अनुभाग-4 देहरादून दिनांक 05 जनवरी 2022 एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा उत्तराखंड देहरादून के पत्रांक 06(03)/102/ 231836-38/ 2021-22 दिनांक 07 जनवरी 2022 सन्दर्भ में एक आदेश जारी किया है जिसमें लिखा है कि अशासकीय सहायता प्राप्त बॉ० बी०आर० अम्बेडकर इसका संचालित किया जा रहा है, जहाँ उनके द्वारा उनके सहकर्मियों एवं विभिन्न शिक्षकों को फर्जी तरीके से नियुक्ति की गयी, जिनके विरुद्ध धारा 420/467/468 / 471 / 120 बी भा0द0वि0का अपराध सिद्ध होने के कारण आरोप पत्र निर्गत किया गया। उक्त सम्बन्ध में विद्यालय के अध्यापकों एवं कर्मचारियों पर फर्जीवाडे हेतु पंजीकृत मुकदमा एवं अन्य कार्यवाहियों पर अनियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम नियुक्त किये समस्त कार्मिकों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त क्रम में संलग्न सूची में धारित सभी अध्यापकों की सूची में सुनील कुमार, श्रीमती सीमा देवी, श्रीमती विजेता रानी, श्रीमती विमोलिना शर्मा, विपिन कुमार, श्रीमती नीतू सिंह, महावीर सिंह, श्री शर्मिली चौहान, महक सिंह, गौरव कुमार, आरिफ हुसैन, पुनीत कुमार, राज कुमार, मनोज कुमार धारित समस्त अध्यापकों की नियुक्ति हेतु प्रदत्त अनुमोदन सम्बन्धित आदेश में वर्णित यदि अनुमोदन के उपरांत इसमें कोई तथ्य छिपाया गया या प्रकाश में आने पर सूची का अनुमोदन स्वत ही समाप्त हो गया है।

दूसरी तरफ शिक्षकों का कहना है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने एक तरफा निर्णय किया है जबकि उन्हें उनका पक्ष सुनना चाहिये था जिसे मुख्य शिक्षा अधिकारी ने नहीं सुना। इतना ही नहीं शिक्षकों का ये भी कहना है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी ने समायोजित 15 कर्मचारियों की जगह 14 कर्मचारियों की सूची जारी की है। शिक्षकों ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि 15 वां कर्मचारी मुख्य शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में लिपिक के पद पर तैनात अशोक कुमार का भाई मनीष कुमार है। जिसे मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी सूची में नहीं दर्शाया है। जिस कारण मुख्य शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली पर प्रश्न खड़े हो रहे है। इस बारे में जब मुख्य शिक्षा अधिकारी से जब उनका पक्ष जानने के लिये फोन किया तो उन्होंने इस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।

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