ब्यूरो
रुड़की। सुनहरा वटवृक्ष (रुड़की) पर स्वतंत्रता आंदोलन की प्रथम क्रांति की वर्षगांठ हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। 1857 की क्रांति के अवसर पर आज 10 मई के दिन आर्य समाज नंद विहार के तत्वाधान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन ऐतिहासिक वट वृक्ष के नीचे आयोजित किया गया। सर्वप्रथम आर्य समाज के विद्वानों द्वारा यज्ञ किया गया तथा समाज में बढ़ती कुरीतियों को दूर करने के लिए प्रेरक प्रवचन किए गए। उसके बाद विधिवत राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर राष्ट्रगान के साथ श्रद्धांजलि सभा का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व गृह राज्य मंत्री श्री राम सिंह सैनी ने की तथा संचालन वरिष्ठ आर्य समाज नेता श्री हरपाल सैनी आर्य ने किया। कार्यक्रम में भजनोंपदेशकों द्वारा देशभक्ति के गीत सुना कर वातावरण को देश प्रेम से ओतप्रोत किया गया तथा एक लड़की ने ‘ए मेरे वतन के लोगों ‘ गीत सुना कर सब को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर जनपद के एकमात्र जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भारत भूषण विद्यालंकार हरिद्वार से यहां पधारे उनके साथ स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव श्री जितेंद्र रघुवंशी तथा श्री अर्जुन सिंह राणा भी आए। कार्यक्रम में काफी संख्या में स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने भाग लिया जिनमें प्रमुख हैं स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री देशबंधु जी, कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुरेंद्र कुमार सैनी, मोहम्मद मतीन ,श्री सतपाल, श्री अर्जुन सिंह गुप्ता, कौशिक, श्रीमती किरण कौशिक, श्रीमती राजकुमारी ,श्रीमती राजबाला आदि। आयोजकों द्वारा सभी स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्री जितेंद्र रघुवंशी जी ने बोलते हुए कहा कि यह वटवृक्ष हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों के लिए तीर्थ स्थान है जिस पर 3 अगस्त 1824 को कुंजा बहादुरपुर में हुई अंग्रेजों के विरुद्ध सर्वप्रथम क्रांति के दौरान बंदी बनाए गए 41 लोगों को इस वट वृक्ष पर टांग कर फांसी दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि यह आंकड़ा तो सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है वास्तविक संख्या सैकड़ों में बताई जाती है। यह सब अत्याचार अंग्रेजों ने भारतीयों के दिलों में डर और भय पैदा करने के लिए किया। उन्होंने कहा कि हमें यह आजादी अनेकों शहीदों की कुर्बानियों की वजह से मिली है तथा यही कारण है कि हमारे संगठन ने यह अभियान चलाया है कि हम प्रत्येक माह के प्रथम रविवार को 10 बजे 10 मिनट अपने पूर्वज स्वतंत्रता सेनानियों/ शहीदों को समर्पित करते हैं तथा उनके स्मारकों पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम में सभी नागरिकों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ने का अनुरोध किया। सभी वक्ताओं ने इस अवसर पर देश के स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस कार्यक्रम में भगवानपुर क्षेत्र की लोकप्रिय विधायिका श्रीमती ममता राकेश तथा झबरेड़ा के विधायक श्री वीरेंद्र जाति ने भी पहुंचकर अपने उद्गार प्रकट किए और शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। सभा के अंत में श्री राम सिंह सैनी ने सभी का धन्यवाद अदा किया और 1857 के गदर के मुख्य- मुख्य नायकों के बारे में संक्षिप्त प्रकाश डाला। बाद में उन्होंने कार्यक्रम समापन की घोषणा भी की।
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