ब्यूरो
चमोली। सरकारी विभागों की परिसंपत्तियों को आम जनता के उपयोग के लिए किराए पर दिया जा सकेगा। परिसंपत्तियों को किराए पर देने से जो राजस्व प्राप्त होगा उसका 50 प्रतिशत विभाग को और 50 प्रतिशत राजकोष में जमा किया जाएगा। किराए की दर जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा तय की जाएगी।
जनपद में विभागीय परिसंपत्तियों को चिन्हित करने हेतु शुक्रवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने समस्त विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने निर्देशित किया कि विभाग की ऐसी परिसंपत्तियां जिनको आम जनता के उपयोग हेतु किराए पर दिया जा सकता है उनको चिन्हित और सूचीबद्ध किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे विभाग की परिसंपत्तियों का बेहतर उपयोग के साथ राजस्व भी प्राप्त होगा। इससे जो आय प्राप्त होगी उससे विभाग अपनी परिसंपत्तियों की मरम्मत आदि में खर्च कर सकते है। उन्होंने कहा कि इससे विभागों को ही फायदा मिलेगा। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा उपलब्ध किए गए परिसंपत्तियों की गहनता से समीक्षा की गई। बैठक में डेयरी विकास अधिकारी के उपस्थित न रहने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उनका वेतन रोकने के निर्देश भी दिए। बैठक में डीएफओ इन्द्र सिंह नेगी, अपर जिलाधिकारी डॉ अभिषेक त्रिपाठी, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, अन्य विभागीय अधिकारियों सहित सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेन्द्र खंतवाल, हिमांद संस्था के सचिव उमा शंकर बिष्ट आदि उपस्थित थे।
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