नेपाल में 11:54 मिनट पर आए 6.4 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही मची है और एक दर्जन से ज्यादा घरों को नुकसान हुआ है। लोग अपना घर छोड़कर भागने लगे। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए गलियों में एम्बुलेंस दौड़ने लगी। तबाही की चपेट में आए लोगों की मदद के लिए स्थानीय लोग पहुंचे। भूकंप के झटके महसूस करते ही लोग अपने घरों से निकलकर सड़क पर आ गए, अफरा-तफरी मच गई। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
पश्चिमी नेपाल में आए इस तेज झटके में नालगड़ म्यूनिसिपलिटी की डिप्टी मेयर समेत 154 लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग घायल हो जाने की खबर है। जाजरकोट और पश्चिमी रुकुम में सबसे ज्यादा तबाही मची है। देर रात आए तेज झटके उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पटना, झारखंड और बिहार तक में महसूस किए गए।
नेपाल में पहले भी भूकंप से मची तबाही
इससे पहले 22 अक्टूबर को सुबह 7:39 बजे काठमांडू घाटी और आसपास के जिलों में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। नेपाल में भूकंप आम हैं, जहां तिब्बती और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं और हर सदी में एक-दूसरे के करीब दो मीटर आगे बढ़ती हैं, जिसकी वजह से दबाव बनता है जिसे हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं। 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप और उसके बाद आए झटकों ने लगभग 9,000 लोगों की जान ले ली। नेपाल ऐसा 11वां देश है जहां सबसे ज्यादा भूकंप आते हैं।
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