मनोज सैनी
हरिद्वार। यदि आप अपने सपनों का आशियाना बनाने के लिए प्लॉट खरीदने जा रहे हैं, तो पहले प्रोपर्टी डीलर या कॉलोनाइजर से पूछिए कि क्या उनकी कॉलोनी हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण से नियमानुसार स्वीकृत है या नहीं। अगर है तो एचआरडीए से पास नक्शे और आवश्यक दस्तावेजों की जांच पड़ताल भी जरुर करें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अवैध कॉलोनियों के मकड़जाल में फंसकर अपने जीवन भर की जमापूंजी फंसा सकते हैं।
अवैध कॉलोनियों में पानी, सीवर, पार्क, अच्छी चौड़ी सड़कों सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव होता हैं और इन सबके बिना अपका जीवन नारकीय हो सकता है। यही नहीं अवैध कॉलोनी में मकान बनाने पर आपका नक्शा भी पास नहीं हो पाएगा और आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन सभी समस्याओं से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण ने जागरुकता अभियान की शुरुआत की है। ताकि उपभोक्ता अवैध कॉलोनियों के मकड़जाल से बच पाएं।
हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण के वीसी आईएएस श्री अंशुल सिंह जी ने बताया कि हरिद्वार में कई कॉलोनाइजर एचआरडीए से कॉलोनी स्वीकृत नहीं कराते हैं और उपभोक्ताओं को प्लॉट बेचना शुरु कर देते हैं। ये कॉलोनी अवैध होती है और इनमें मूलभूत सुविधाओं का अभाव होता है। एचआरडीए लगातार इस तरह की अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अभियान चला रहा है। बड़ी संख्या में अवैध कॉलोनियों को सील किया गया है। कई कॉलोनाइजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को भी अमल में लाया गया है।
उपभोक्ता कई बार जानकारी के अभाव में या फिर अन्य कारणों से इन अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीद लेते हैं। अवैध कॉलोनी सील होने पर उपभोक्ता कोई निर्माण भी नहीं कर सकते हैं और ना ही उनका नक्शा पास होता है। ऐसे में प्लॉट खरीदने वाले उपभोक्ताओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में एचआरडीए सभी लोगों से अपील करता है कि प्लॉट खरीदने से पहले कॉलोनी के एचआरडीए द्वारा स्वीकृत होने या ना होने की जानकारी अच्छे से जुटा लें। कई बार कॉलोनाइजर उपभोक्ताओं को गलत जानकारी भी मुहैया करा देते हैं। ऐसे में प्लॉट खरीदने वाले संबंधित कॉलोनी के बारे में हरिद्वार रुडकी विकास प्राधिकरण के कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एचआरडीए के सचिव श्री उत्तम सिंह चौहान जी ने बताया कि अवैध कॉलोनियों के मकड़जाल में फंसकर उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं। कई अवैध कॉलोनी ऐसी हैं जहां आज तक मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और कॉलोनाइजर प्रोपर्टी बेचकर निकल गए। लेकिन वहां रहने वाले लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को प्लॉट खरीदने से पहले कॉलोनी वैध या या अवैध इसके बारे में जानकारी जरुर जुटानी चाहिए।
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