मनोज सैनी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में एक नया खेला देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था ने एक ऐसा काम कर दिया है, जिसको देख-सुन कर हर कोई हैरान और परेशानी है। उत्तर प्रदेश के एक जनपद में सगे भाई तथा बहन के ही आपस में फेरे करवा दिए गए हैं। भाई तथा बहन के आपस में फेरे कराने का यह मामला पूरे देश की मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में लगातार फर्जीवाड़े के मामले सामने आ रहे हैं। यूपी के महाराजगंज से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने अधिकारियों समेत सभी को चौंका दिया है। यहां सरकार की तरफ से मिलने वाले अनुदान के लिए सामूहिक विवाह योजना के तहत भाई-बहन ने ही शादी कर ली और 7 फेरे ले लिए।
जैसे ही भाई-बहन की शादी का मामला सामने आया, अधिकारियों में हड़कंप मच गया। बीडीओ ने फौरन आरोपी भाई-बहन से अनुदान का सारा सामान वापस मंगवा लिया और इस योजना के तहत इन्हें मिलने वाली आर्थिक सहायता पर भी फौरन रोक लगा दी गई। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। सामूहिक विवाह योजना के अनुदान के चक्कर में हुई भाई-बहन की शादी ने सभी को सन्न कर दिया है। किसी को यकीन नहीं आ रहा है कि सरकारी अनुदान के चक्कर में कोई ये हरकत भी कर सकता है?
मिली जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बीते पांच मार्च को लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 38 जोड़ों की विवाह करवाया गया था। इस दौरान लक्ष्मीपुर क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती ने भी अपना पंजीकरण करवाया था। बताया जा रहा है कि युवती की शादी 1 साल पहले ही हो चुकी थी।
आरोप है कि बिचौलियों ने युवती को फिर शादी करने के लिए तैयार कर लिया। इसके लिए एक लड़का भी तय कर लिया गया। मगर जिस दिन शादी होनी थी, वह युवक कही बाहर चला गया और नहीं आ पाया। ऐसे में बिचौलियों ने कमीशन के चक्कर में युवती की शादी उसके ही भाई के साथ करवा दी और दोनों के 7 फेरे भी करवा दिए। जैसे ही ये मामला सामने आया, फौरन अनुदान में दिए गए सामान को वापस मंगवा लिया गया। इसी के साथ जोड़े को मिलने वाली 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता पर भी रोक लगा दी गई है। मामले से हड़कंप मचा हुआ है।
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