
मनोज सैनी
हरिद्वार। हरिद्वार की मंगलौर विधान सभा में हुए उपचुनाव को लेकर जिला प्रशासन शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के चाहे जितने भी दावे कर मगर हकीकत इसके उलट है। प्रदेश में पहली बार ऐसा उपचुनाव देखने को मिला जिसमें पुलिस के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सत्ताधारी दल के दबाव में दिखे। मंगलौर में पुलिस और प्रशासन के शांति और निष्पक्षता के दावों की पोल लगातार खुलती रही, जब लिब्बरहेडी गांव में मतदान के समय खुलेआम लाठी, डंडे, हॉकी चली, इतना ही नहीं स्थानीय लोगों और कवरेज करने गए पत्रकारों का दावा है की गांव में कई राउंड फायरिंग भी हुई। फायरिंग के चलते पत्रकारों ने अपनी जान बामुश्किल से बचाई। इसके इतर भाजपा नेता और पूर्व विधायक संजय गुप्ता बूथों पर वोट मांगते नजर आए, दूसरी और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपने दल बल के साथ जिसमें उनके समर्थकों के हाथों में असलहे भी देखे गए थे, बूथों पर नजर आए।
इतना ही नहीं मतदान के द्वारा एक पुलिस कर्मी का महिला और पुरुष के साथ गाली, गलौच और धक्का मुक्की का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
इसके अतिरिक्त एक काले रंग की हरियाणा नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी भी पूरे मतदान ले दौरान घूमती नजर आ रही है जबकि चुनावी क्षेत्र में बाहरी वाहनों और लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित था। जिसका भी वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इन सभी चीजों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन पर सवाल उठना लाजमी है की आखिर चुनाव आयोग मतदान के समय कर क्या रहा था।
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