
मनोज सैनी
हरिद्वार। बीएचईएल हरिद्वार के वेल्डिंग टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा “परमाणु और रक्षा क्षेत्र के लिए वेल्डिंग प्रौद्योगिकी में विकास” विषय पर, मानव संसाधन विकास केंद्र (एचआरडीसी) में आज एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इंडियन वेल्डिंग सोसाइटी (आईडब्ल्यूएस)-नॉर्थ ज़ोन के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन, बीएचईएल हरिद्वार के महाप्रबंधक एवं प्रमुख श्री रंजन कुमार ने दीप प्रज्वलन द्वारा किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री श्री रंजन कुमार ने कहा कि हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए, वेल्डिंग के कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्याओं को दूर करने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक वेल्डिंग तकनीकों को अपनाकर हम अपने उत्पादों की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला में वेल्डिंग क्षेत्र से संबंधित लगभग 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में वेल्डिंग से जुड़े विभिन्न विषयों जैसे कि भारत में परमाणु ऊर्जा का उभरता परिदृश्य, एनपीसीएल परियोजना के 700 मेगावाट स्टीम टरबाईन हेतु वेल्डिंग प्रौद्योगिकी चुनौतियां, ब्रौंज कास्टिंग हेतु वेल्डिंग चुनौतियां, एलॉय धातुओं की वैल्डेबिलिटी, स्टीम कास्टिंग की हाई टेम्परेचर एक्सोथर्मिक कटिंग आदि पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए।
इस अवसर पर महाप्रबधंक (एफबीएम एंड डब्ल्यूटी) श्री ए. के. शर्मा, अपर महाप्रबन्धक (वेल्डिंग टेक्नोलॉजी) श्री बी. एस. अरोडा, अपर महाप्रबन्धक (एफबीएम) श्री कुलदीप कौशिक, जनरल इंडिया एनर्जी फोरम के सचिव श्री एस. एम. महाजन एवं फैब्रिकेशन विभाग तथा एचआरडीसी के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
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