Apne log news

No.1 news portal of Uttarakhand

अंकिता भंडारी हत्याकांड: प्रभावशाली अभियुक्तों के कारण न्याय में बाधा, पारदर्शी व निष्पक्ष हो न्याय।

मनोज सैनी
हरिद्वार। 18/19 सितम्बर 2022 की रात में भाजपा और संघ नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक में वन्त्रा रिजॉर्ट में उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की नृशंस हत्या ने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया था। यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि सत्ता, प्रभाव और धन के दुरुपयोग के माध्यम से न्याय को प्रभावित करने का गंभीर उदाहरण बन गया है। प्रारंभ से ही यह आशंका रही है कि अभियुक्तों का प्रभावशाली वर्ग से संबंध होने के कारण जांच और न्याय प्रक्रिया बाधित हो सकती है। आज भी जनता के मन में यह सवाल बना हुआ है कि क्या अंकिता को वास्तव में पूरा न्याय मिल पा रहा है? क्या सभी तथ्यों, साक्ष्यों और परिस्थितियों की निष्पक्ष जांच हुई है? क्या प्रभावशाली लोगों को बचाने का कोई प्रयास तो नहीं हुआ?
यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सामान्य परिवार की बेटी को न्याय दिलाने के लिए समाज को सड़कों पर उतरना पड़ा। न्याय तभी सार्थक होगा जब यह पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रभावमुक्त हो। यदि उच्च पदों पर आसीन या प्रभावशाली व्यक्तियों के कारण न्याय में बाधा उत्पन्न होती है, तो यह न केवल पीड़ित परिवार बल्कि पूरे राज्य की न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि अंकिता भंडारी को न्याय दिलाना केवल एक परिवार की लड़ाई नहीं, बल्कि उत्तराखंड की बेटियों की सुरक्षा और सम्मान का सवाल है। जब तक इस मामले में हर पहलू की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कठोरतम सजा नहीं मिलती, तब तक जनता की आवाज शांत नहीं होगी।

-:अंकिता भंडारी जांच के मुख्य मांग बिंदु

*अंकिता भंडारी हत्याकांड में पूरी न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावमुक्त रखा जाए।
*अभियुक्तों के राजनीतिक, प्रशासनिक या आर्थिक प्रभाव की निष्पक्ष जांच की जाए।
*मामले की निरंतर न्यायिक निगरानी सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप न हो।
*सभी साक्ष्यों, डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स एवं परिस्थितिजन्य तथ्यों की पुनः गहन समीक्षा कराई जाए।
*पीड़ित परिवार को सुरक्षा, सम्मान और मानसिक सहयोग प्रदान किया जाए।
*यदि जांच या साक्ष्य में लापरवाही अथवा जानबूझकर कमजोर करने के प्रयास सामने आते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
*दोषियों को कानून के तहत कठोरतम सजा दिलाई जाए ताकि यह मामला नजीर बने।
*राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर ठोस और प्रभावी नीतियाँ लागू की जाएँ ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

Share
error: Content is protected !!