Apne log news

No.1 news portal of Uttarakhand

भाजपा नेता और नामी बिल्डर ने पत्रकार पर लगाया ब्लैक मेलिंग का आरोप, कोर्ट के आदेश पर पति-पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज।

ब्यूरो
हरिद्वार। जनपद हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में नामी बिल्डर और नगर निगम के निवर्तमान नेता प्रतिपक्ष सुनील कुमार अग्रवाल को ब्लैकमेल कर लाखों रुपये की रकम मांगने का मामला सामने आया है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी पति-पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी गई तहरीर में सुनील कुमार अग्रवाल पुत्र स्व0 श्री रोहिताश अग्रवाल निवासी कैलाश विला होली चौक दक्ष रोड कनखल हरि‌द्वार द्वारा बताया गया कि प्रार्थी एक संभ्रांत परिवार का सदस्य है और वर्षों से व्यापार करता चला आ रहा है और अपनी फर्म यश एसोसिएट्स कनखल हरि‌द्वार के नाम से निर्माण कार्य में सलंग्न है। प्रार्थी ने पूर्व में कई छोटे व बिचौले प्रोजेक्ट स्वयं बिल्डर के रूप में किये है।

वर्ष 2021 में प्रार्थी ने स्वामी कपिल मुनि जी शिष्य स्वामी सुखदेव मुनी से खसरा नं0 45 क्षेत्रफल 0.502 है० स्थित जगजीतपुर अन्दर हदूद नगर निगम हरिद्वार जो वर्ष 1990 से राजस्व अभिलेखों में स्वामी कपिल मुनि के नाम चली आ रही थी, में से 3717 वर्ग मी० भूमि बजरिये रजिस्टर्ड पजेशन डेवलपर एग्रीमेन्ट दिनांकी 21 अक्टूबर 2021 को कराकर उक्त भूमि पर कब्जा लेकर फ्लेट्स का निर्माण कार्य कोविड होने के कारण वर्ष 2022 में शुरू किया था और उक्त एग्रीमेन्ट के समय ही कुल स्टाम्प ड्यूटी मु० 63,43,000/- रु० राज्य सरकार को अदा कर दी थी। प्रार्थी ने जब निर्माण कार्य शुरू किया तो उसी दौरान वर्ष 2023 के शुरु में जब फ्लैट्स का निर्माण कार्य काफी प्रगति कर चुका था तब अनिल कुमार विष्ट पुत्र रामसिंह, श्रीमति नीलम विष्ट पत्नी अनिल कुमार बिष्ट निवासीगण मनोहरपुरम कालोनी हाल निवासी हरिहर एन्क्लेव प्लाट नं0 39 पहाडी बाजार कनखल हरि‌द्वार पार्थी से मिले और बताया कि हम आपके घर के पास ही मनोहरपुरम कालोनी में रहते है और हमने आपका कृष्णा नगर हरे राम आश्रम के पास वाला फ्लेट्स का प्रोजेक्ट देखा है। आप बहुत अच्छा निर्माण कर रहे है हम उसे देखते आ रहे है। भविष्य में सम्भव हुआ तो हम भी आपसे इसमे फ्लैट लेंगे। इसके पश्चात विपक्षीगण कई अवसरों पर आकर प्रार्थी से मिलते रहे। 12 अप्रैल 2023 को विपक्षीगण प्रार्थी के कनखल स्थित पर पर शाम के करीब 7 बजे जब प्रार्थी ड्राईम रूम में बैठा था, आये और कहने लगे कि आपसे कुछ अकेले में बात करनी है। प्राथी ने कहा कि मैं अकेला हूं, बताईये क्या बात है तो अनिल बिष्ट ने कहा कि मैं एक पत्रकार हूं और उत्तराखण्ड स्तम्भ हिन्दी साप्ताहिक का सम्पादक हूँ। मैने आपसे मिलने के बाद आपकी इस जमीन की बाबत सब मालू‌मात कर ली है। अगर आप अपने इस प्रोजेक्ट को बिना किसी बाधा के पूरा करना चाहते है तो मुझे 2 लाख रुपये नकद दे दें। वरना में सब काम जानता हूं और किसी भी सूरत में में आपका यह पोजेक्ट पूरा नहीं होने दूंगा। आपका करोडो रुपया फंस जायेगा।

प्रार्थी ने कहा कि आपको यह सब शोभा नहीं देता तो विपक्षीगण बोले कि आप इस पर विचार कर लो हम हफ्ते दस दिन बाद आयेंगे और अबकी बार रूपया तैयार रखना वरना बाद में पछताओगे। प्रार्थी ने विपक्षीगण के जाने के बाद विपक्षीगण के बारे में जानकारी की तो पता चला कि अनिल बिष्ट वास्तव में एक बहुत ही शातिर आदमी है और पक्का मुक्दमेबाज है और पूर्व में भी वह इसी तरह कई लोगों को परेशान कर चुका है और यह लोगों को ब्लैकमेल करने का आदि है। दिनांक 21 अप्रैल 2023 को विपक्षीगण रात्रि करीब 8.00 बजे पुनः प्रार्थी के घर आये तब वहां प्रार्थी का पुत्र यश अग्रवाल एंव रोहित शर्मा प्रार्थी के पास बैठे थे। विपक्षीगण ने कहा आपसे अकेले में बात करनी है तो प्रार्थी ने कहा कि ये अपने ही लोग है आपको जो बात करनी है मुझे पता है। आप बताओ तो इन्होने प्रार्थी का प्रोजेक्ट ना रोकने के लिये फिर 2 लाख रुपये की मांग की। प्रार्थी ने यह देखते हुए कि विपक्षीगण किस तरह के लोग है और यदि उन्होने कोई झूठी कार्यवाही भी कर दी तो प्राथी का काम अधर में पड़ जायेगा प्रार्थी ने 2 लाख रुपये नकद विपक्षीगण को दे दिये और विपक्षीगण ने कहा कि अब उनकी तरफ से मुझे कोई परेशानी नहीं होगी। 23 जून 2023 को विपक्षीगण प्रार्थी के घर दोपहर जब प्रार्थी खाना खाने आया हुआ था लगभग 2.00 बजे आये। प्रार्थी का पुत्र यश अग्रवाल तब प्रार्थी के पास ही बैठा था। विपक्षीगण ने कहा कि अब तो आपका काम लगभग समाप्ति पर आने वाला है हमारी भी कुछ सेवा कर दो। आप करोड़ों कमाओगे मात्र 2 लाख रुपये से हमारा क्या होगा। विपक्षीगण की बात सुनकर प्रार्थी को काफी आश्चर्य भी हुआ और गुस्सा भी आया। प्रार्थी ने जब इस पर आपत्ति जताई और कहा कि मैं पहले ही आपको 2 लाख रुपये दे चुका हूं और आपने आईन्दा इस बारे में दखल ना देन की बात कही थी। इस पर विपक्षीगण बोले कि आपको हमारे बारे में नहीं पता है हमने तो हरिहर एन्क्लेव वाले कोलोनाईजर जो इतने बड़े और पहुंच वाले लोग है उनसे भी प्लाट ले लिया आप तो क्या चीज है। मैंने कहा कि हरिहर एन्क्लेव वालों का मुझे नहीं पता लेकिन मैं कोई अवैध काम नहीं कर रहा हूं मेरे काम में कोई बाधा ना हो इसलिये आपको 2 लाख रुपये दे दिये थे। अब मैं आपको एक धेला भी नहीं दूंगा। आपसे जो होता हो कर लो। जिस पर विपक्षीगण यह कहते हुए चले गये कि अब तुम देखना कि हम तुम्हारा क्या हाल करते हैं। इसके पश्चात माह जौलाई में विपक्षी सं०1 ने फेसबुक पर डाला कि उसने मेरे व स्वामी कपिल मुनि व उनके ट्रस्ट के खिलाफ एक दीवानी वाद हरिद्वार न्यायालय में कर दिया है। मैने इस बारे में मालूमात की तो पता चला कि विपक्षी सं०1 ने सब तथ्य जानते हुए कि हरे राम आश्रम ट्रस्ट के खसरा नं0 44 व 48/1 से मेरे द्वारा ली गयी जमीन खसरा नं0 45 का कोई सम्बन्ध व वास्ता नहीं है और खसरा नं0 45 स्वामी कपिल मुनी की निजि सम्पत्ति है एक झूठा वाद 92 (1) जा०दी० का दायर कर रखा है। मुझे मालूमात करने पर यह भी पता चला कि वास्तव में विपक्षीगण बहुत ही शातिर व चालबाज है और इनके द्वारा हरिहर एन्क्लेव के सम्बन्ध में पहले तो सब अधिकारीगण व अथोरटीज को उनकी भूमि को नजूल भूमि बताकर उनके खिलाफ प्रार्थना पत्र दिये गये तथा साथ ही हरनन्द राय ट्रस्ट द्वारा विकय की गयी सम्पत्ति के सम्बन्ध में ली गयी परमिशन को निरस्त कराने हेतु दीवानी वाद दायर किया लेकिन जब हरिहर एन्क्लेव के निर्माणकर्ता विपक्षीगण की कारगुजारियों से आजिज आ गये तो उन्होंने विपक्षीगण की ब्लेकमेलिंग का शिकार होकर एक प्लाट नं0 39 विपक्षी सं०1 के सगे बहनोई सुनील कुमार पुत्र सेवाराम के नाम 14,64,000 /- रु० कीमत लेना दिखाकर विक्रय पत्र दिनांक 21 जून 2019 के जरिये कर दी। जबकि उक्त सुनील कुमार गन्ने की रस की रेहडी चलाता है और उसका कोई ना बैंक अकाउंट था व ना ही उसकी हैसियत इतना रुपया देने की थी। यह प्लाट ब्लेकमेलिंग से विपक्षीगण ने हासिल किया था और कोई कीमत नहीं चुकाई। वह इससे और स्पष्ट है कि बाद में उक्त प्लाट नं0 39 विपक्षीगण ने उक्त सुनील कुमार से विपक्षी सं० 2 नीलम बिष्ट के नाम दान पत्र दिनांक 06-08-2020 के ‌द्वारा करा लिया। इस प्रकार स्पष्ट है कि विपक्षीगण दद्वारा हरिहर एन्क्लेव के मालिकों को भी ब्लेकमेल कर यह प्लाट हासिल किया गया व इसी कारण विपक्षी सं०1 द्वारा उक्त प्लाट सं0 39 हरिहर एन्क्लेव अपने बहनोई के नाम हो जाने पर हरिहर एन्क्लेव के पक्ष में उनकी भूमि वैध बताते हुए हरिहर एन्क्लेव के मालिकों के पक्ष में प्रार्थना पत्र दिये व जो दीवानी वाद इनके खिलाफ दायर किया था उसमें भी कोई आगे कार्यवाही नहीं की।

उक्त प्लाट नं0 39 में वर्तमान में विपक्षीगण मकान बनाकर निवास कर रहे है। फिर भी इनके द्वारा प्रार्थी के विरुद्ध जो दीवानी वाद दायर किया गया उसमें अपना पता झूठा दर्शाया गया है। प्रार्थी को यह भी पता चला कि विपक्षीगण इसी तरह कई अन्य मामलों में भी अपना गलत पता दर्ज कर कार्यवाही करने के आदि है। विपक्षीगण द्वारा दी गयी धमकियों व उनके दद्वारा की जा रही फर्जी व झूठी कार्यवाहियों को देखते हुए और कोई चारा ना देखकर प्रार्थी ने पूर्व में एक प्रार्थना पत्र थानाध्यक्ष महोदय थाना कनखल को दिया. परन्तु थाने वालों ने प्रार्थना पत्र ना लेकर एस०एस०पी० महोदय से आदेश कराकर लाने की बात कही। बादहू एक प्रार्थना पत्र श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय जिला हरि‌द्वार को बजरिये रजिस्ट्री डाक व स्वंय उनके कार्यालय में भी प्रेषित किया परन्तु अभी तक भी कोई कार्यवाही विपक्षीगण के विरुद्ध नहीं हुई है। ऐसी परिस्थिति में प्रार्थी के प्रार्थना पत्र पर मुतालिका थाने पर मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश पारित किये जाने आवश्यक है। अतः श्रीमान जी से पार्थना है कि उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर सुसंगत धाराओं में मुतालिका थाना कनखल जनपद हरिद्वार में मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश पारित किये जाये।

Share
error: Content is protected !!