
मनोज सैनी
उत्तराखंड के सरकारी विभागों के कर्मचारियों की नस नस में भ्रष्टाचार का दीमक लग चुका है, आए दिन कोई न कोई भ्रष्ट सरकारी अधिकारी, कर्मचारी रिश्वत लेते हुए विजिलेंस के हत्थे चढ़ रहा है। आज फिर उत्तराखंड में विजिलेंस ने एक पटवारी को रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों पकड़ा है। पटवारी ने आय प्रमाण पत्र के एवज में 7 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। ताजा मामला जनपद उधम सिंह नगर की तहसील काशीपुर का है जहां तहसील काशीपुर में नियुक्त राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी) धर्मेन्द्र कुमार ने आय प्रमाण पत्र बनाने की एवज में 7000/ रू0 रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत कर्ता पटवारी को रिश्वत नहीं देना चाहता था और वह पटवारी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही चाहता था। इसलिए उसने पटवारी की शिकायत सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री न0 1064 पर अंकित करायी।
उक्त शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर नैनीताल, हल्द्वानी द्वारा जाँच से प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया गया, विजिलेंस के सीओ अनिल सिंह मनराल ने अपनी टीम के साथ नियमानुसार कार्यवाही करते हुए आज को धर्मेन्द्र कुमार राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी) एवं उनके साथ भ्रष्टाचार में लिप्त प्राईवेट व्यक्ति की शिकायतकर्ता से 7,000/- (सात हजार रूपये) की रिश्वत लेते हुये तहसील काशीपुर कार्यालय से रंगे हाथों पकड़ा। उक्त प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गित प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जायेगा। उधर विजिलेंस के छापे के बाद तहसील में मौजूद वकीलों ने हंगामा करते हुए पटवारी को निर्दोष बताया। उधर बंद कमरे में विजिलेंस अपनी कार्रवाई करती रही।
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