
मनोज सैनी
हरिद्वार। हाल ही धामी सरकार द्वारा हरिद्वार सहित उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के गांवों का नाम बदलने पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार पर जोरदार प्रहार करते हुए अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि सरकार को नाम बदलने की इतनी हड़बड़ी रही, कारण क्या रहा यह तो सरकार जाने! अब वह सलेमपुर राजपूताना, यह गांव है रुड़की के पास में सलेम सिंह उस गांव के अति प्रतिष्ठित व्यक्ति थे और बाद में जब कुछ धर्म परिवर्तन भी किया कुछ लोगों ने, मगर सलेम सिंह जी के प्रति उनके परिवार के बुजुर्ग होने के नाते जो मुसलमान लोग हैं उनका भी और जो हिंदू रहे उनका भी, बराबर योगदान रहा, इसलिए उन्हीं के नाम पर गांव का नाम भी और क्योंकि वह जो मुसलमान हैं उन्होंने अपने नाम के आगे राव लगाया, तो उन्होंने गांव का नाम सलेमपुर राजपूताना रख लिया। सरकार की पता नहीं सलेम सिंह से क्या दुश्मनी थी? अब नाम बदल दिया। ऐसे ही अभी और गांव भी हैं, चांदपुर दूसरे गांवों का भी अपना इतिहास रहा है, हर गांव के नाम का और यह गांव के नाम के आगे जो है यदि शब्द से यह भान हो रहा है कि मुसलमानों का प्रचलित शब्द है तो उस नाम को बदल दो, तो भैया देश के अंदर 25 करोड़ मुसलमान हैं, कहां-कहां क्या-क्या बदलोगे? कुछ सोचो इस पर इसका प्रभाव क्या होगा? इससे समाज की क्या मानसिकता बनेगी तो इस पर सरकार कुछ सोचने को तैयार नहीं है।
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