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ब्यूरो
हरिद्वार। रानीपुर मोड़ चंद्राचार्य चौक के पास स्थित एक संपत्ति पर काफी समय से विवाद चल रहा था बताया जा रहा है की संपत्ति को किराए पर दिया था लेकिन बाद में किराएदार ने उक्त संपत्ति को खाली करने से मना कर दिया।
न्यायपालिका पर पूरा भरोसा करते हुए मकान मालिक ने संपत्ति के लिए न्याय हेतु न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अब 20 साल बाद कोर्ट ने सम्पत्ति स्वामी को मालिकाना हक दिलाए जाने के पक्ष में अपना फैसला दिया। जिस पर बीती 11 फरवरी 25 को शाम अमीन सुमंत कश्यप तथा पुलिस अधिकारी रविन्द्र जोशी के द्वारा वैभव सिसोदिया को संपत्ति की चाबी सौंप कर कब्जा दिलाया गया। संपत्ति पर कब्ज दिलाए जाने पर वैभव ने इसे अपनी न्यायपालिका की जीत बताया उन्होंने कहा कि हमारी न्यायपालिका वास्तव में न्याय की जीत को दर्शाती है।
बता दें कि हरिद्वार शहर के बीचो बीच एक प्लॉट जिसमे दफ़ने हैं सपने प्रभा रानी के उन्होंने नौकरी करके ये प्लॉट ख़रीदा इस पर चेतक मॉडर्न स्कूल भी चलाया। उसके बाद उन्होंने बाल भारती स्कूल में नौकरी की। व्यस्त होने के कारण उन्हे स्कूल बंद करना पड़ा। रखवाली के लिए उन्होंने कुछ किरायेदार रखे। जिन्होंने बाद में संपत्ति को खाली करने से मना कर दिया जिस पर काफी समय तक केस भी चला। प्रभा रानी और उनके पति राजेंद्र सिसोदिया को न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास था वे लम्बे समय से केस लड़ते रहे और जीतते भी रहे। काफ़ी संघर्ष के बाद राममती नामक किरायेदार और लच्छीराम को प्लॉट का एक हिस्सा ख़ाली करने का आदेश कोर्ट द्वारा मिला और उन्होंने खाली भी कर दिया ।
मेनरोड पर बनी दुकान पर पर केस चलता रहा और 2019 में एक बार पुनः प्रभा रानी जी की जीत हुई उन्हें कोर्ट ने मेन रोड पर बनी दुकान को ख़ाली करने का हुक्म दिया। मगर दुकान खाली नहीं हो पाई और केस चलता रहा। अब लगभग 20 वर्ष के बाद कोर्ट ने सम्पत्ति स्वामी को मालिकाना हक दिलाए जाने के पक्ष में अपना फैसला दिया। जिस पर बीती 11 फरवरी 25 को शाम, प्रशासन ने अमीन सुमंत कश्यप तथा पुलिस अधिकारी रविन्द्र जोशी के द्वारा वैभव सिसोदिया को संपत्ति की चाबी सौंप कर कब्जा दिलाया गया।
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