मनोज सैनी
हरिद्वार। ऐसा माना जाता हैं कि विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी जहां मां गंगा में मात्र डुबकी लगाने से इंसान के पाप दूर हो जाते हैं और प्रतिवर्ष करोड़ों करोड़ लोग मां गंगा में डुबकी लगाकर अपना सौभाग्य समझते है, वहीं हर की पैड़ी क्षेत्र में फैली गंदगी से मन खिन्न हो जाता है। इतना ही नहीं घंटाघर हर की पैड़ी और आस पास के सभी घाटों में खुलेआम प्लास्टिक की केनिया और पन्नियां खुलेआम बिक रही है जिसके चलते एनजीटी और कोर्ट के आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है।
बताते चलें कि गंगा सभा अपने आप को हर की पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था बताती है, जिसका काम हर की पैड़ी क्षेत्र में मां गंगा की स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखने का है और हरिद्वार निगम का काम सफाई व्यवस्था रखने का है और पुलिस व जिला प्रशासन का काम शांति व्यवस्था और तीर्थ क्षेत्र में गैर कानूनी कार्यों को रोकने का है लेकिन आज जब मैं अपने बच्चों और अन्य रिशेरदारों के साथ हर की पैड़ी पर स्नान कराने लेकर गया तो मन बहुत खिन्न हुआ। घंटाघर क्षेत्र में जहां तहां गंदगी पसरी पड़ी है, खुलेआम पन्नियां बेची जा रही है, जिन्हे खरीदकर यात्रियों ने उन्हें जहा तहां छोड़ दिया जाता है, जो अंत में मां गंगा में उड़कर जा रही है, गौ माता बिना किसी रोक टोक के घंटाघर पर विचरण कर रही है, गोबर कर गंगा घाटों पर गंदगी फैला रही हैं, इतना ही नहीं हर की पैड़ी लगभग पचासों स्थानों पर खुलेआम प्लास्टिक की केनिया बेची जा रही है, जिन्हे यात्रियों को मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है और यात्री उन्हे अपना कर्म निपटाने के बाद वहीं छोड़कर चला जाता है जो बाद में मां गंगा में गिर रहा है।इसके अतिरिक्त गंगा सभा के नाम पर कई लोग दान की रशीद काटते देखे गए जो मां गंगा का नाम लेकर यात्रियों से रशीद कटवाने का अनुरोध करते दिखे। इतना सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैने वहीं से निगम के अधिकारियों को फोन कर उक्त संबंध में जानकारी दी तो उन्होंने थोड़ी देर में आने की बात की।
अब सवाल उठता है कि हर की पैड़ी क्षेत्र की प्रबंधकारिणी संस्था गंगा सभा के पदाधिकारी, पुलिस प्रशासन, निगम अधिकारी इतना सब देखकर पर आंखे क्यों बंद रखते हैं? जबकि निगम अधिकारियों को मेरे द्वारा मात्र फोन करने के चंद सेकेंड बाद ही अवैध रूप से केनिया बेच रहे लोगों में अपनी केनियों को बोरियों में भरना शुरू कर दिया था, जिसका मतलब उन्हे इस बात की सूचना दे दी गई की निगम अधिकारी आने वाले हैं। हर की पैड़ी क्षेत्र में अव्यवस्था और खुलेआम केनिया और पन्नियां बेचने को लेकर जब मैने वहीं खड़े दो पंडितों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया की बिना मिलीभगत के क्या हर की पैड़ी क्षेत्र में ये सब हो सकता है? उन्होंने ऑफ द कैमरा बताया कि गंगा सभा, पुलिस और निगम के मिलीभगत से हर की पैड़ी क्षेत्र में ये सब अवैध काम होते हैं, उन्होंने बताया की जब हर की पैड़ी क्षेत्र में अवैध शराब मिल सकती है तो ये तो बहुत मामूली काम है।
सवाल उठता है की हम धार्मिक क्षेत्रों के नाम पर बातें तो बड़ी बड़ी करते है, लेकिन एक जागरूक नागरिक होने का धर्म कभी नहीं निभाते। जिन हजारों ब्राह्मणों का परिवार मां गंगा के नाम से पोषित हो रहा है, जो हिंदूवादी संगठन हिंदुओं के नाम पर रोहराट मचा देते है, जो प्रशासन और सरकार मां गंगा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए जनता का करोड़ों रुपया मां गंगा की सफाई के नाम पर पानी की तरह बहा देती है, वो पुलिस प्रशासन जिन्हे हर की पैड़ी क्षेत्र में गलत कामों को रोकने का अधिकार है, आखिर वे हैं कहां?
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