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मुख्यमंत्री उत्कृष्ट पुरस्कार में मानकों की अनदेखी पर मचा बवाल।

ब्यूरो

उत्तरकाशी। स्वच्छता के क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को दिए जाने वाला उत्कृष्टता पुरस्कार भी भ्रष्टाचार और भेदभाव की गंदगी से अछूता नहीं रहा है। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा पर शुरू किए गए इस पुरस्कार के तहत पर्यावरण दिवस पर हर जिले की एक ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया जाना था लेकिन उत्तरकाशी जिले से पुरस्कार हेतु संस्तुत की गई ग्राम पंचायत मनेरी को पुरस्कृत करने के बजाय पंचायतीराज निदेशालय ने मनमाने तरीके से किसी अन्य पंचायत को यह सम्मान देकर अपनी निकृष्ट और भ्रष्ट कार्यशैली का ही उदाहरण नहीं दिया है बल्कि उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित करने के मुख्यमंत्री के मंसूबों को भी पलीता लगाने का काम किया है। पंचायतीराज निदेशालय का इस रवैये से हर कोई हैरत और गुस्से में है। ग्राम स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए जिले की ग्राम पंचायत मनेरी तय सभी दस मानकों को कसौटी पर खरा उतरी थी और जिला स्तर से स्वच्छता के क्षेत्र में पंचायत के कार्यों के आधार पर उसे यह पुरस्कार दिए जाने की संस्तुति की गई थी। इस दावेदारी के लिए मनेरी में स्वच्छता के क्षेत्र में हुए कार्यों की जिओटैग्ड फोटो एवं वीडियो भी पंचायतीराज निदेशालय को भेजी गई। ग्राम पंचायत मनेरी को जिले के पहले प्लास्टिक कूड़ा प्रबंधन इकाई की स्थापना का श्रेय भी है और यह पंचातय ओडीएफ प्लस मॉडल श्रेणी में शामिल है। इस नाते स्वच्छता पुरस्कार के लिए उसकी दावेदारी स्वाभाविक और सशक्त थी। निदेशालय में कुछ भ्रष्ट कर्मियों ने बड़ी रकम की सोडा बाजी कर अन्य को यह पुरस्कार देने की पेश कस की गई शिकायत करने पर गंगोत्री क्षेत्र के विधायक सुरेश चौहान ने इसका संज्ञान लिया और सचिव पंचायत राज और निदेशक पंचायत राज को पत्र लिख कर इस प्रकार की अनियमितताओ पर पुनः विचार करने को कहा साथ ही उन्होंने कहा की जिला स्तरीय कमेटी से चयनित ग्राम पंचायत को दर न किनार कर निदेशालय के बंद कमरे में इस प्रकार का निर्णय लिया जाना दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होंने साफ तौर पर कहा की यदि इस पर पुनर्विचार नही किया जाता तो वे इस मुद्दे को विधान सभा सत्र में नियम 303 के तहत प्रश्न उठाएंगे। उन्होंने कहा की जिला स्तर के अधिकारी और मैं स्वयं मनेरी में हुए कार्यों को नजदीकी से जनता हूं उन्होंने ग्राम पंचायत मनेरी में स्वच्छता के क्षेत्र में हुए कार्यों की सराहना करते हुए उसे पुरस्कृत करने का पुरजोर समर्थन किया गया था। बावजूद इसके पंचायतीराज निदेशालय ने नीचे बैठे दो भ्रष्ट कर्मचारियों ने मनमाने तरीके से जिला स्तर से भेजी गई संस्तुति एवं ग्राम पंचायत मनेरी के उल्लेखनीय कार्यों की अनदेखी कर यह अपने चेहते ग्राम प्रधान से मोटा सौदा कर यह पुरस्कार रेवड़ी की तरह अपने किसी चहेते को दे दिया। ग्राम पंचायत मनेरी के प्रधान और प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रताप रावत ने इस खुली धांधली को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांग कर इसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाने के साथ ही न्यायालय में भी चुनौती देने की चेतावनी दी है।

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