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पैनों व मंदाल घाटी के किसानों को खेती बचाओ के अन्तर्गत चेन लिंक फेसिंग कार्य से क्यों वंचित रखा गया??

प्रभुपाल सिंह रावत

रिखणीखाल प्रखंड के पैनों घाटी व मंदाल घाटी के बहुसंख्यक किसान अल्पकालीन निविदा सूचना को पढ़कर व देखकर आश्चर्य चकित हैं। कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी धुमाकोट ने अपने पत्रांक 184/कृ.भू.सं.अ.धु./निविदा/2022-25 दिनांक 29/08/2024 के अन्तर्गत एक अल्पकालीन निविदा सूचना आमंत्रित की है,जो कि एक दैनिक समाचार पत्र के दिनांक 30/08/2024 के अंक में प्रकाशित है।

गौरतलब है कि रिखणीखाल के पैनों घाटी व मंदाल घाटी अति उत्तम कृषि योग्य व उर्वरक भूमि है,जो गेहूँ, धान,आलू,गोभी व दालों के लिए जाना पहचाना नाम है। इसी क्षेत्र के किसान प्रमोद सिंह गुसांई व विक्रम सिंह गुसांई ग्राम गाजा वालों ने जानकारी दी है कि हमारा क्षेत्र कृषि प्रधान होते हुए भी यहाँ के किसानों की खेती के लिए कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी धुमाकोट ने किसी भी गाँव के लिए चेन लिंक फेसिंग कार्य के लिए निविदा आमंत्रित नहीं की है।वे आश्चर्य चकित हैं कि इतना बड़ा मैदानी क्षेत्र होते हुए भी क्यों रिखणीखाल के गांवों को नजरअंदाज व अनदेखा किया गया है। क्या रिखणीखाल के गांवों में खेती नहीं होती,सब भूमिहीन हैं? यहाँ जंगली जानवर खेतों को नुकसान कर रहे हैं। वे ये भी कहते हैं कि क्या हम कृषि व भूमि संरक्षण धुमाकोट के अन्तर्गत नहीं आते।जो हमारे पूरे रिखणीखाल के 81 ग्राम पंचायतों के 216 गांवों को इस निविदा में शामिल नहीं किया गया।क्या खेती बचाओ का स्लोगन रिखणीखाल कै लिए नहीं है?

 

रिखणीखाल के पैनों घाटी के लोगों की मांग है कि शीघ्र उनके गांवों के लिए भी विशेष निविदा आमंत्रित करें। किसी जन आन्दोलन का इन्तजार न करें।

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