Apne log news

No.1 news portal of Uttarakhand

शत्रु सम्पत्ति खुर्द बुर्द करने को लेकर अधिकारियों, लेखपालों और वकीलों सहित 28 पर गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज। मचा हड़कंप।

मनोज सैनी

हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर क्षेत्र में ईदगाह के समीप स्थित शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में विजिलेंस ने तत्कालीन एसडीएम, तहसीलदार और लेखपालों समेत 28 लोगों पर धारा 420, 467, 468, 471, 218 और 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें रजिस्ट्री अफसर समेत 10 लोक सेवक भी हैं जिनके तत्कालीन एसडीएम हरबीर सिंह, तत्कालीन कानूनगो श्रवण कुमार, चार तत्कालीन लेखपाल अनिल कुमार काम्बोज, नीरज तोमर, बिजेन्द्र गिरी व बिजेन्द्र कश्यप, तत्कालीन शासकीय अधिवक्ता सुखपाल सिंह, हरिद्वार के तीन तत्कालीन उपनिबंधक एसबी शर्मा, हरिकृष्ण शुक्ला, मायाराम जोशी आरोपी बनाए गए हैं। विजिलेंस द्वारा की गई इतनी बड़ी कार्यवाही से अधिकारियों और भूमाफियों में हड़कंप मचा हुआ है। एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने मुकदमे की पुष्टि की है।

जानकारी के अनुसार जनपद हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में ईदगाह के संपीप स्थित 21 बीघा शत्रु संपत्ति से जुड़ा हुआ है, इस संपत्ति को सरकार में निहित किया जाना था, लेकिन तत्कालीन पीसीएस अधिकारी भूमाफिया और वकील ने सांठगांठ करके शत्रु संपत्ति को बेंच दिया, जमीन की 10 से अधिक रजिस्ट्री करवाई गई, जिसकी शिकायत विजिलेंस से की गई थी जांच में मामला सही पाए जाने पर विजिलेंस देहरादून ने दो पीसीएस अधिकारी, हरवीर सिंह, अनिल कुमार कंबोज, सुखपाल सिंह, नीरज तोमर विजेंद्र गिरी, विजेंद्र कश्यप, श्रवण कुमार, एस बी शर्मा, हरिकृष्ण शुक्ला, मायाराम वर्मा, एडवोकेट पहल सिंह वर्मा, एडवोकेट सज्जाद, एडवोकेट मोहनलाल शर्मा, एडवोकेट यशपाल सिंह चौहान, एडवोकेट राजकुमार उपाध्याय, रियाज, शरीफ, शौकत वहीदा, सलीम, जुलेखा, कारी मुस्तफा, कोमल, विनोद मलिक रेशमा, प्यारेलाल, सफदर अली और संजीदा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दो पीसीएस अधिकारी, लेखपाल, कई वकील के नाम मुकदमा दर्ज होने से हड़कंप मचा हुआ है।

क्या है शत्रु संपत्ति?

आसान भाषा में कहें तो शत्रु संपत्ति का सीधा सा मतलब है कि शुत्रु की संपत्ति या दुशमन की संपत्ति। हालांकि यहां पर दुश्मन कोई व्यक्ति नहीं बल्कि उसे मुल्क का दुश्मन माना जाता है। जैसे- पाकिस्तान और चीन। जब 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो कई लोग पाकिस्तान चले गए वहीं, कई लोग भारत आए। जो लोग पाकिस्तान गए उनका बहुत कुछ पीछे छूट गया। जैसे- घर- मकान, जमीन-जायदात आदि। इन सब पर सरकार का कब्जा है। इन्हीं संपत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है।

 

Share
error: Content is protected !!