
मनोज सैनी
चमोली। श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बुधवार को अपराह्न एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने के दौरान करीब 2300 सिख श्रद्धालुओं का जत्था अंतिम अरदास के साक्षी रहे। हेमकुंड साहिब के कपाट बंद होने की प्रक्रिया आज सुबह से प्रारम्भ हो गयी थी। प्रातः 10ः00 बजे सुखमणि साहिब पाठ और सबद कीर्तन के पश्चात साल की अन्तिम अरदास तथा गुरू ग्रंथ साहिब का हुक्मनामा पढ़ने के बाद पंच प्यारों और सेना के इंजीनियर कोर की बैंड की अगुवाई में गुरु ग्रंथ साहिब को सतखंड लाया गया तत्पश्चात दोपहर 1 बजे गुरुद्वारे के कपाट बंद किए गए। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा यात्रा को सुखमय ढंग से संपूर्ण सहयोग देकर सफल बनाने के लिए सभी संगतों, शासन-प्रशासन एवं स्थानीय लोगों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद दिया गया। हेमकुण्ड साहिब की यात्रा इस वर्ष 20 मई को प्रारंभ हुई थी। इस वर्ष 1.78 लाख श्रद्वालुओं ने श्री हेमकुण्ड यात्रा का सौभाग्य प्राप्त किया। इसके साथ ही हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी पूरे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
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