मनोज सैनी
देहरादून। बदरी-केदार मंदिर में चल रही अनियमितताओं को लेकर उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। कारण बदरी केदार मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को बदरी केदार मंदिर में हो रही अनियमितताओं को लेकर एसआईटी से जांच करवाने मांग की गई है। मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा शिकायतों और अनियमितताओं को लेकर लिखे गए पिछले दो पत्रों को संलग्न कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजा गया है। उक्त दो पत्र मई और जुलाई महीने में लिखे गए हैं, जो अब बाहर आ गए हैं।
बदरी केदार मंदिर समिति के अनेकों सदस्यों द्वारा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को 18 मई 2023 और मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजेय को 12 जुलाई 2023 को लिखे पत्रों में गंभीर मुद्दों को उठते हुए अध्यक्ष अजेंद्र अजय के भाई के वेतन, मंदिर में सोना प्रकरण, बोर्ड बैठक में सदस्यों की नजरअंदाजी, वीआईपी प्रोटोकॉल में सदस्यों को नजरअंदाज करने, गर्भगृह में फोटो खींचने और रील्स बनाने सहित करीब 21 बिंदु उठाए गए हैं।
उपरोक्त पत्रों में समिति के सदस्यों द्वारा बेहद गंभीर बातें लिखते हुए कहा है कि मौजूदा समय में केदारनाथ और बदरीनाथ को लेकर भ्रष्टाचार और अनिमितता की खबरों से न केवल बदरीनाथ केदारनाथ की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि राज्य सरकार की छवि पर भी बट्टा लग रहा है। ऐसे में मौजूदा समय में इस पूरे मामले की एसआईटी जांच करवाना बेहद जरूरी है।
12 जुलाई 2023 को अध्यक्ष अजेंद्र अजय को लिखे पत्र में समिति के सदस्यों द्वारा यह भी कहा गया है कि वर्तमान में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने- पीतल विवाद के दूरगामी दुष्परिणाम होंगे। इस विवाद के बाद कोई भी दानी अब दान में रुचि नहीं रखेंगे क्योंकि ये विवाद पूरे विश्व में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग ये सोच रहे हैं कि कहीं उनका सोना भी पीतल न बन जाए। पत्र में अध्यक्ष से इस बात को लेकर सफाई मांगी गई है कि जो सोना केदारनाथ के गर्भगृह में लगाया गया है उसे लगाने का प्रस्ताव किस बैठक में पास किया गया है।
मंदिर समिति के सदस्य पुष्कर जोशी का कहना है कि पीएम मोदी और सीएम धामी सहित करोड़ों देशवासियों की आस्था धामों में है। समिति के सदस्य यही चाहते हैं कि जो भी बातें चल रही हैं, उसकी जांच होनी चाहिए। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। वहीं मंदिर समिति के सदस्य श्रीनिवास पोस्ती कहते हैं कि उन्होंने यह पत्र मुख्यमंत्री को इसलिए लिखा है क्योंकि बहुत सारी चर्चाएं बाहर आ रही थीं और जो तमाम चर्चाएं हैं उस पर एक स्पष्टीकरण आना चाहिए। मई महीने में यह पत्र मुख्यमंत्री को लिखा गया था और अब तक इस पर कोई भी स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु उनसे कई सवाल पूछते हैं इसलिए सदस्यों ने यह पत्र सरकार को लिखा है। मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी का कहना है कि सदस्य यही चाहते हैं कि जो भी सच्चाई है, वह सामने आनी चाहिए। इसलिए समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले में पत्र लिखा है। उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण को लेकर जल्द ही कोई जांच करवाएगी।
वहीं इस पूरे मामले पर बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि जिन लोगों ने सीएम को पत्र लिखा है वो उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं। जिन लोगों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है उन लोगों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जांच शुरू हो गई है इसलिए ये सब परेशान हैं। अजेंद्र अजय ने सवाल उठाया कि आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि मई और जुलाई में लिखा पत्र अब क्यों सामने आ रहा है, इसलिए क्योंकि उनके खिलाफ जांच शुरू हुई है। समिति के अध्यक्ष का कहना है कि पत्र लिखने वालों में कुछ समिति के सदस्य हैं और कुछ बाहर के लोग भी है।
पाठकों को बताते चलें कि अक्टूबर 2022 में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने का काम पूरा हुआ था। बताया गया था कि मुंबई के एक व्यापारी ने 23 किलो सोना मंदिर समिति को दान किया है। इसके बाद केदारनाथ मंदिर की छत और दीवारों पर 550 सोने की प्लेटों से मढ़ी गई थीं। गोल्ड प्लेटिंग का कार्य एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग) के 2 अफसरों की निगरानी में हुआ था। काम पूरा होने के कुछ समय बाद चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने दान में मिले 23.78 किलो सोने के चोरी होने का आरोप लगा दिया। संतोष त्रिवेदी का आरोप था कि मंदिर के गर्भगृह में जब सोने की प्लेटें लगवाई गईं थीं, तो अब उन्हें पॉलिश करने की जरूरत क्या थी। उन्होंने इसकी जांच करने की मांग की थी। इसके साथ ही कांग्रेस ने भी जांच की मांग की थी। विवाद बढ़ता देख धार्मिक मामलों के सचिव ने जांच कमेटी बनाकर जांच शुरू कराई थी।
समिति के सदस्यों के पत्र सामने आने के बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत ने भी धामी सरकार पर हमला बोल दिया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हरदा ने लिखा है कि श्री बद्रीनाथ-श्रीकेदारनाथ टेंपल कमेटी कई अनचाहे, बहुत ही अप्रिय लगने वाले विवादों को लेकर चर्चा में रही है। कमेटी के अध्यक्ष खांठी के भाजपाई हैं, आरएसएस वाले भी हैं। नकली सोने के विवाद का कोई समाधान न निकला, न कोई दोषी सामने आया और कोई संतोषजनक कार्रवाई भी सरकार की तरफ से होती नजर नहीं आई। अब टेंपल कमेटी के माननीय सदस्यों के पत्र सार्वजनिक हो रहे हैं जो उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री जी को अध्यक्ष जी और उनके नेतृत्व में बीकेटीसी द्वारा की गई अनियमितताओं को लेकर लिखे गये हैं। मुख्यमंत्री जी के लंबे मौन ने इस सारे प्रकरण को और रहस्यमय बना दिया है और बताते चलूं कि BKTC के माननीय सदस्यों में अधिकांश लोग खांठी के भाजपाई हैं, एकाध चोला बदल जरूर हैं। मगर अधिकांश लोग खांठी के भाजपाई हैं और अपने-अपने क्षेत्रों के मूर्धन्य नाम भी हैं।
बदरी केदार मंदिर में अनियमितताओं के मामले में खानपुर विधायक उमेश कुमार ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फोटो लगाते हुए लिखा है कि केदारनाथ जी में जो सोना लगा था उसका सच ये है। ये है वो पित्तल की दीवारें जिनका सोना अब उतरने लगा है। माफ़ी चाहूँगा मुझे ये सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए थे लेकिन जब हमारे आदरणीय बागेश्वर धाम वाले बाबा गर्भ गृह की तस्वीरें अपने पेज से पूरे दुनिया को दिखाकर बाबा केदार की मर्यादा को भंग कर सकते है तो, मैं बाबा के साथ किया धोखा क्यों नही दुनिया को दिखा सकता ? जिसको मुझ पर FIR करनी हो वो स्वतंत्र है । तस्वीरें ज़ूम करके देखियेगा और अपनी राय दीजियेगा।
दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बदरी केदार मंदिर में चल रही अनियमितताओं को गंभीरता से लिया है। विश्वस्त सूत्रों से जानकारी लगी है की राहुल गांधी ने भी मंदिर की वीडियो ग्राफी कराई है। जिसे वे देश की जनता के बीच जाकर भाजपा सरकार में भाजपा नेताओं द्वारा भगवान के साथ किए गए धोखे और भाजपा नेताओं द्वारा हिंदुत्व की आड़ में किए जा रहे भ्रष्टाचार को दिखायेंगे।
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