Apne log news

No.1 news portal of Uttarakhand

भाजपा राज में हर भर्ती, हर नियुक्ति पर उठ रहे हैं सवाल? भर्ती घोटालों का हब बना उत्तराखंड, पढिये पूरी खबर

मनोज सैनी

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा है कि उत्तराखंड राज्य की जनता ने बहुत आशा और विश्वास के साथ भाजपा को भारी बहुमत के साथ डबल इंजन का तोहफा दिया था। परंतु भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करने वाली उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार भ्रष्टाचार रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। राज्य सरकार द्वारा नौजवानों को रोजगार मुहैया कराना तो दूर जिन सरकारी पदों पर अभी तक भर्तियां की भी गई है उनमें भारी भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद को अंजाम दिया गया है।

1-) उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ एवं अन्य पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15- 15 लाख रुपए लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला राज्य के सरकारी विभागों की भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण है। भाजपा नेताओं के संरक्षण में हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग पेपर लीक मामले में लगातार हो रही गिरफ्तारियों से साबित हो गया है कि भाजपा सरकार के साड़े 5 वर्ष के कार्यकाल में राज्य में भ्रष्टाचार किस हद तक फलता फूलता रहा है ।

कुल 916 पदों पर पर भर्ती होनी थी। लगभग ढाई लाख आवेदन आये। लगभग डेढ़ लाख युवाओ ने परीक्षा दी। 916 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। 200 से ढाई सौ लोगों की पेपर लीक मामले में संलिप्त होने की शंका है।
एस टी एफ द्वारा अब तक 27 गिरफ्तारी हो चुकी हैं
उत्तराखंड में 04 ऑनलाइन परीक्षा केंद्र थे। जिसमें अब तक 40 परक्षाये आयोजित भी हो चुकी हैं।

2-)राज्य के सहकारिता विभाग में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार एवं अनियमित्ता तथा भाई भतीजावाद की पहले ही पोल खुल चुकी है। सहकारी बैंकों में 61 पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष ,सचिव तथा अधिकारियों पर मिलीभगत कर अपने रिश्तेदारों चहेतो को रेवड़ी बांटने के आरोपों से ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को राज्य सरकार की छत्रछाया में अंजाम दिया गया है।
जांच में सहकारिता विभाग ने माना कि बड़ा घोटाला हुआ है
*भाजपा सरकार में तत्कालीन राज्यमंत्री यतीश्वरानंद व ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिख कर अवगत कराया कि सहकारिता बैंक भर्ती के नाम पर करोड़ों वसूले जा रहे हैं*
*चतुर्थ श्रेणी की 423 पदों की भर्ती में अधिकारियों के रिश्तेदारों एक सहकारी बैंक जिला अध्यक्ष ने अपने बेटे, राज्य सहकारी संघ के नेता ने अपने भतीजे, GM ने अपने बेटे की नियुक्ति कर घोटाले को अंजाम दिया*

3 )उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग में स्नातक परीक्षा में हुए घोटाले तथा सहकारिता विभाग की भर्तियों में हुए घोटालों के खुलासे तथा सचिवालय रक्षक के 33 पदों तथा न्यायिक कनिष्ठ सहायक के 288 पदों पर हुई भर्ती की जांच के आदेशों से स्पष्ट हो गया है कि इससे पूर्व फॉरेस्ट गार्ड भर्ती ,ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम विकास अधिकारी, एलटी भर्ती सहित कई विभागों की लिपिकीय व चालकों की भर्ती में भी भारी घोटाला हुआ है तथा यह सभी भर्तियां संदेह के घेरे में है।
4-)अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षा में हुए घोटाले के खुलासे के बाद सबसे पहले जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है उसी कंपनी से जुड़ा है जिस कंपनी द्वारा इसी वर्ष विधानसभा चुनावों से पहले विधानसभा सचिवालय के लिए सीधी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी ।वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विधानसभा सचिवालय के लिए हुई सीधी भर्ती के परीक्षा परिणाम पर रोक लगाना भर्ती घोटाले की ओर इशारा करता है।उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती घोटाले में अब तक जितने भी घोटालेबाज पुलिस की गिरफ्त में आए हैं सिर्फ मोहरे मात्र हैं। लगभग 27 गिरफ्तारियां हुई हैं राज्य में हुए सभी भर्ती घोटालों की उच्च स्तरीय जांच से ही असली घोटाले बाजों तक पहुंचा जा सकता है जो कि राज्य हित में अत्यंत आवश्यक है ।
कांग्रेस पार्टी लगातार मांग करती आ रही है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सहकारिता विभाग ,शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में हुए घोटालों की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए जिससे इन घोटालों में सत्ता प्रतिष्ठान ,अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, सचिवालय ,विधानसभा में बैठे बड़े-बड़े चेहरे तथा बेलगाम अधिकारीगण बेनकाब हो सकेंगे।

*विधानसभा नियुक्तियां*

युद्धवीर सिंह आरएसएस के प्रांत प्रचारक के ड्राइवर
आरएसएस से जुड़े 4 अन्य लोग

कोश्यारी जी के बड़े भाई की बेटी छाया कोश्यारी

कल्पना सैनी भाजपा राज्यसभा सासद के दो निकटवर्ती

राजन रावत PRO सतपाल महाराज
मदन कौशिक PRO अमित वर्मा
रेखा आर्य के PRO गोरांग
अजय कुमार PRO गोरव सिंह
मुख्यमंत्री के OSD नंदन बिष्ट की पत्नी
मुख्य्मंत्री के OSD विनोद धामी की पत्नी
साथ ही CM के स्टाफ के अन्य लगभग 15 लोग है

*सचिवालय भर्ती*

26 सितंबर 2021 को हुई सचिवालय रक्षक भर्ती में कई अभ्यर्थियों को पेपर दिया गया।

सचिवालय रक्षक के कुल 33 पदों पर भर्ती परीक्षा हुई, जिसमें 66 अभ्यर्थियों का चयन हुआ। इनकी शारीरिक परीक्षा होनी अभी बाकी है।

सचिवालय रक्षक भर्ती में लखनऊ की जिस कंपनी का कर्मचारी पकड़ा गया है, उसके मालिक राजेश चौहान ने अकूत संपत्ति अर्जित की है इस कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 111 करोड़ रुपये के आसपास है। उसकी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के साथ आरएमएस टेक्नोटच सॉल्यूशन कंपनी भी काम कर रही है।

*सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रिंटिंग प्रेस से चोरी हो गया और अफसरों को भनक तक नहीं लगी। आयोग में पेपर छापने जैसे संवेदनशील काम के दौरान वहां चेकिंग या निगरानी क्यों नहीं की गई, जो निजी कंपनी का कर्मचारी पेन ड्राइव में पेपर ले गया।*

*यहां तक कि आयोग की प्रेस में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी क्या कभी देखी नहीं गई?* जिससे इस करतूत का पता चल सकता। निजी कंपनी के कर्मचारी और उसकी टीम के पास *पेपर सेट करने या छापने के दौरान आयोग के कोई जिम्मेदार अफसर या कर्मचारी नहीं थे?* जो आरोपी ने पेपर चोरी की हिमाकत कर डाली। इन तमाम सवालों को लेकर एसटीएफ के अफसर आयोग की लापरवाही स्वीकार रहे हैं।

भर्ती परीक्षा से एक हफ्ते पहले चुराया था पेपर, सचिवालय रक्षक भर्ती का पेपर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से खुद के भवन में लगी हुई प्रिंटिंग मशीनों में छपवाया गया, जिसका टेंडर आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस कंपनी को दिया गया था।

इसके अलावा 2018 में 917 लेक्चरर के पदों पर हुई भर्तियों पर सवाल? 2019 में वन दरोगा भर्ती परीक्षा में घोटाला

2021-22 में हुई यूके ट्रिपल एससी की भर्तियों में पेपर लीक
बड़ा सवाल किसकी सरकार थी?

Share
error: Content is protected !!