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बनभूलपुरा की घटना को लेकर “इंडिया” गठबंधन ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन। कहा अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर सांप्रदायिक एजेंडा न बढ़ाए।

मनोज सैनी
हरिद्वार। 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाने गई टीम के साथ हुई हिंसक घटना को लेकर आज “इंडिया” गठबंधन कांग्रेस, सपा, माकपा, भाकपा आदि दलों के नेताओं ने नगर मजिस्ट्रेट, हरिद्वार के माध्यम से एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है जिसमें इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि 8 फरवरी को हल्द्वानी में हुई घटना चिंताजनक, निंदनीय एवं दुखद है। हम सभी मृतकों और घायलों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और उनके लिये उचित मुआवजे की मांग करते हैं। हम हर प्रकार की हिंसा की निंदा करते हैं और चाहते हैं कि निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई हो लेकिन इस गंभीर समय में हम यह भी निवेदन करना चाहते हैं कि कार्यवाही संवैधानिक मूल्यों के विपरीत न हो। ख़ास तौर पर बनभूलपुरा इलाके में लोगों के बुनियादी ज़रूरतें जैसे खाना, दूध, पानी, दवाई इत्यादि को सुनिश्चित किया जाये। पत्रकारों को जाने की अनुमति दी जाये। कार्रवाई सबके सामने हो।
8 फरवरी और उसके बाद की कार्रवाई को लेकर प्रशासन की लापरवाही, जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण साफ दिखाई दे रहा है। ऐसे भी आरोप आये हैं कि 8 फरवरी के बाद पुलिस प्रशासन ने गैर क़ानूनी रूप में बल प्रयोग किये हैं। इसलिए प्रशासनिक जांच की जगह इस पर उच्च न्यायलय की निगरानी में उच्च न्यायलय के सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा जांच की जाय। हम सरकार को याद दिलाना भी चाहेंगे कि जुलाई 2022 में उच्चतम न्यायलय ने स्पष्ट किया था कि किसी भी प्रकार की “बुलडोज़र कार्रवाई” वर्जित है अगर वह कानून और संविधान के अनुसार नहीं है।

ज्ञापन में आगे कहा गया कि 2017 से आज तक लगातार भीड़ की हिंसा और नफरती प्रचार पर उत्तराखंड सरकार निष्पक्ष क़ानूनी कारवाई नहीं कर रही है। इस पर राज्य के नागरिक, जन संगठन, विपक्षी दल और वरिष्ठ बुद्धिजीवीयों से ले कर सुप्रीम कोर्ट के वकील और सेना के पूर्व जनरल तक सवाल उठाते रहे हैं। पुरोला में दुखद और आपराधिक अभियान पुरे देश की चर्चाओं में रही लेकिन आज तक उकसाने वाले और सम्पति को नुकसान करने वाले व्यक्तियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब सरकार के कदम निष्पक्ष नहीं दिखते तो असामाजिक तत्वों के लिए गुंजाईश बढ़ती है।
उच्चतम न्यायलय के फैसलों के अनुसार किसी भी प्रकार के असामाजिक या हिंसक अभियान पर युद्धस्तर पर कदम उठाऐ जाये। “अतिक्रमण हटाओ अभियान” में एक उतावलापन और पक्षपात दिखायी दे रहा है। बगैर नोटिस देकर तोड़ फोड़ करने की दर्जनों घटनायें पिछले एक साल में हुई हैं, जबकि हमारा मानना है वि पहले पुनर्वास किये बगैर किसी को भी बेघर न किया जाये और कोई भी ऐसी कार्र नाही सम्यक कानूनी ढंग से, पर्याप्त सुनवाई के बाद संवेदनशीलता के साथ होनी चाहिए। वन अधिकार कानून, नजूल भूमि पर मालिकाना हक़, शहरों के मज़दूर बस्तियों का पुनर्वास, इन नीतियों पः तुरंत अमल हो। सरकार अतिक्रमण हटाओ अभियान के नाम पर सांप्रदायिक एजेंडा न बढ़ाए। ज्ञापन देने वालों में सपा के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण सचान, महानगर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अमन गर्ग, पीसीसी सदस्य मुरली मनोहर, भाकपा से आर पी जखमोला, डा राजेंद्र परासर, एम एस त्यागी, चंद्र शेखर यादव, सीपीआई से विजय पाल, कालूराम, साजिद अंसारी, आशीष यादव, सुरेंद्र कुमार, हाजी नईम कुरेशी, लव कुमार दत्ता, मुनरिका यादव, महेंद्र सिंह वर्मा, अशोक गुप्ता आदि लोग उपस्थित थे।

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