मनोज सैनी
हरिद्वार। देश के महारत्न संस्थान बीएचईएल, हरिद्वार के भंडार गृह से करीब एक करोड़ के सामान चोरी होने की घटना ने सबको चौंकाते हुए हिलाकर रख दिया है। चोरी की इस बड़ी घटना ने भेल की सुरक्षा के दावे को भी तार तार कर दिया है। चोरी की इस घटना में नीचे से लेकर ऊपर तक के कई अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। आखिर इतनी भारी भरकम की रकम का माल इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कैसे चोरी हो गया?
चोरी की इस घटना को लेकर तरह तरह के बयान सामने आ रहे हैं। अपने लोग न्यूज.कॉम ने भी जब इस मामले की गहराई से पड़ताल की तो भेल के कई कर्मचारियों ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि चोरी का यह कोई पहला मामला नहीं है और न आखिरी। उन्होंने बताया की जो माल भेल के भंडार गृह में आया ही नहीं वो भला कैसे चोरी हो सकता है। साथ ही बताया की भेल के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से भेल को आने वाला माल भंडार गृह में आने से पहले ही बाहर से बाहर ही बिक जाता है, जिसकी किसी को भी कानों कान खबर भी नहीं होती। एक अन्य कर्मचारी ने बताया कि ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ, बड़े बड़े अधिकारियों और भंडार गृह के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना कोई भी चोरी संभव नहीं है। इतना ही नहीं भंडार गृह से की गया करोड़ों का माल किसी चार पहिया वाहन गाड़ी की डिग्गी में दो बार करके भी बाहर लाया जा सकता है।
एक कर्मचारी ने बताया की इससे पहले भेल में कई बार चोरी की घटनाएं हो चुकी है जिसमें एक बार तो कॉपर की चोरी हुई थी जिसमें ट्रक की बाड़ी में फर्श बनाकर माल को बाहर ले जाया जा रहा था और एक बार एक ट्रैक्टर ट्रॉली भेल के अंदर आने से पहले ही गायब कर दी गई थी।
एक कर्मचारी का तो यहां तक कहना है कि यदि इस मामले की गंभीरता और निष्पक्षता के साथ जांच हो जाए तो इसमें भेल के बड़े बड़े अधिकारी और सरकार में बैठ मंत्रियों का फंसना तय है और चोरी की इस बड़ी घटना से भेल के खिलाफ एक बड़ी साजिश की बू आ रही है।
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