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बैरागी कैंप पार्किंग ठेका विवाद: अवैध पार्किंग से होने वाली अवैध कमाई को लेकर भाजपा के दो पूर्व मंत्रियों की नूरा कुश्ती का खेल।

भूमि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की, ठेका उत्तराखंड का, माल काट रहे भाजपा सरकार के दो पूर्व मंत्रियों के चहेते।

मनोज सैनी
हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ मेला भूमि बैरागी कैंप में उत्तराखंड सिंचाई विभाग द्वारा अवैध रूप से दिया गया पार्किंग का ठेका पिछले दिनों से विवादों के चलते सुर्खियां बंटोर रहा है। असल में उक्त अवैध रूप से ठेके का यह सारा विवाद भाजपा के दो गुटों या यूं कहें कि भाजपा सरकार के 2 पूर्व मंत्रियों में ठेके की आय से होने वाली रकम की बंदरबांट को लेकर है। मजे की बात यह है कि यह सब उत्तराखंड के सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलभगत से चल रहा है।
अब उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की और से सहायक अभियंता, उत्तरी खंड गंग नहर द्वारा जारी पत्र से स्पष्ट हो गया कि बैरागी कैंप की भूमि, जो उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की कुंभ मेला आरक्षित भूमि है, उस पर उत्तराखंड सिंचाई विभाग भाजपा के बड़े नेताओं की मिलीभगत से अवैध तरीके से पार्किंग के ठेका चला रहा है।
उक्त ठेका पहले त्रिवेंद्र सरकार में पावर फुल मंत्री जी रहे, उनके चहेतों पर था पर जैसे ही भाजपा ने प्रदेश का मुखिया बदला तो अब धामी सरकार में मंत्री के चहेतों पर उक्त अवैध पार्किंग के ठेका आ गया। बस फिर क्या था त्रिवेंद्र सरकार में मंत्री के चहेतों ने अपने आका के इशारे पर खेल कर दिया और धामी सरकार के पूर्व मंत्री के चहेते ठेकेदार पर ट्रेवल्स वालों से बवाल खड़ा करवा दिया।
उक्त भूमि पर जैसे ही उत्तराखंड सिंचाई विभाग ने पार्किंग का ठेका देने की कार्यवाही शुरू की तो उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की तरफ से सहायक अभियंता, उत्तरी खंड गंग नहर ने तुरंत आपत्ति लगाते हुए अधिशासी अभियंता को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने लिखा कि बैरागी कैम्प, कनखल हरिद्वार में 09 माह हेतु वाहन पार्किंग नीलाम हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित करायी गयी हैं। उक्त सम्बन्ध में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से इस उपखण्ड द्वारा निम्नानुसार आपत्ति दर्ज की जाती है। बैरागी कैम्प स्थित भूमि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश के स्वामित्वाधीन कुम्भ मेला भूमि का भाग है एवं गंगा का डूब क्षेत्र की भूमि है। उक्त भूमि कुम्भ मेला, कावड मेला एवं अन्य गंगा स्नान मेलो आदि हेतु संरक्षित की गयी है तथा एन०जी०टी० के प्राविधान के अंतर्गत आती है। उक्त भूमि पर उत्तर प्रदेश शासन की अनुमति के बिना किसी भी प्रकार का कार्य किया जाना अवैधानिक है। हरिद्वार स्थित कुम्भ मेला हेतु 697.576 हैक्टेयर भूमि संरक्षित की गयी है, बैरागी कैम्प उक्त भूमि का भाग है जिस पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उत्तर प्रदेश का स्वामित्व है। कुम्भ मेला भूमि के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश शासन सिंचाई अनुभाग-3 के शासनादेश संख्या 1762/09-27-सिं०-3-3(92) 2002 लखनऊ, दिनांक 12 जून 2009 में स्पष्ट रूप से अंकित है, कि उत्तराखण्ड शासन मात्र कुम्भ मेले के आयोजन हेतु इस भूमि का उपयोग कर सकता है। इस प्रकार भूमि के अस्थाई अंतरण एवं भूमि के उपभोग की प्रकृति मात्र अनुज्ञप्ति (लाइसेंस जैसी) होगी एवं अंतरण की अवधि में भी भूमि का स्वामित्व सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश शासन में यथावत् निहित रहेगा। कुम्भ मेला समाप्त हो जाने पर अस्थायी रूप से स्थानान्तरित उक्त भूमि पुनः एवं स्वतः सिंचाई विभाग, उ०प्र० शासन के प्रबन्धन में आ जायेगी और भूमि पर उत्तराखण्ड शासन का कोई हक-हकूफ नही होगा। उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य आस्तियो एवं दायित्वों के विभाजन के सम्बन्ध में दिनांक 18.11.2021 को मा० मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश एवं मा० मुख्य मंत्री जी उत्तराखण्ड की संयुक्त बैठक में लिये गये निर्णय/कार्यवृत्त के बिन्दु संख्या 02 पर स्पष्ट अंकित है, कि कुम्भ मेला भूमि का स्वामित्व उत्तर प्रदेश के पास रहेगा तथा भविष्य में कुम्भ मेला एवं अन्य आवश्यक प्रयोजन हेतु अनुमति प्रदान किया जायेगा।

उपरोक्त शासनादेश एवं भा० मुख्य मंत्री जी की संयुक्त बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार कुम्भ मेला भूमि का स्वामित्व सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश में निहित है। उक्त भूमि पर उत्तर प्रदेश शासन की अनुमति के बिना कोई कार्य किया जाना अवैधानिक होगा। आपके स्तर से उत्तर प्रदेश शासन से बिना अनुमति प्राप्त किये वाहन पार्किंग नीलाम किया जाना विधिनुकूल नहीं है एवं अवैधानिक कृत्य की श्रेणी के अन्र्तगत आता है।

अतः उपरोक्त के दृष्टिगत विषयक कार्य को नियोजित एवं विधिसंगत कियान्चित किये जाने के परिपेक्ष्य में अनुरोध है, कि उक्त नीलाम को तत्काल निरस्त करने का कष्ट करे एवं बिना अनापत्ति के कुम्भ मेला भूमि पर किसी भी प्रकार का कार्य न किया जाये अन्यथा की स्थिति में विधिनुकूल कार्यवाही की बाध्यता होगी।

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