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चुनावी चंदा। तुम मुझे चंदा दो, मैं तुम्हे धंधा दूंगा…..

मनोज सैनी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताने के बाद भाजपा और मोदी सरकार के लिए आगे का रास्ता कांटों भरा हो गया है। इसी कारण पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और अब अब इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन दायर किया है। हालांकि चुनाव आयोग ने एसबीआई से मिले डेटा को गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। चुनाव आयोग की वेबसाइट में 763 पेजों की दो लिस्ट डाली गई है। एक लिस्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की डिटेल है। दूसरी लिस्ट में राजनीतिक पार्टियों को मिले बॉन्ड का ब्यौरा है। मगर अब चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संशोधन के लिए आवेदन दायर किया। जिससे स्पष्ट है की केंद्र सरकार इलेक्टोरल बॉन्ड सम्बंधी जानकारी छुपाना चाहती है।

मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में निर्देशित किया था की चुनावी बॉन्ड को देने वाले और उसे लेने वाले का मिलान कर चुनाव आयोग उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा, मगर चुनाव आयोग ने अभी दोनों का मिलान नहीं किया है जिससे स्पष्ट है की मोदी सरकार अब चुनाव आयोग के जरिए चुनावी बॉन्ड में हुई धांधली को किसी भी कीमत पर छुपाना चाहती है क्योंकि यदि आम चुनाव से पूर्व सही जानकारी जनता के सामने आ गई तो मोदी सरकार की छवि पर भ्रष्टाचार का लेबल चिपक जायेगा जिसका सीधा नुकसान भारतीय जनता पार्टी को होगा।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनाव आयोग द्वारा अपलोड की गई इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी (जिसके बारे में उनका कहना है कि यह एसबीआई से प्राप्त है) में बॉन्ड्स का सीरियल नंबर नहीं दिया गया है, जो यह पता लगाने के लिए आवश्यक है कि किसने किसे बॉन्ड दिया है। यह सुप्रीम कोर्ट संयुक्त में निहित था। एसबीआई के हलफनामे में कहा गया है कि यह जानकारी अलग-अलग फाइलो में दर्ज की गई है।

चुनावी चंदे के इतिहास में जाएं तो भाजपा और मोदी सरकार का फंडा रहा है की तुम मुझे चंदा दो, मैं तुम्हे धंधा दूंगा। इसका उदाहरण है कि 18 अगस्त, 2022 तक सीरम इंस्टिट्यूट ने 50 करोड़ का चंदा भाजपा को हस्तांतरित कर दिया गया और 23 अगस्त 2022 को कोविड प्रबंधन और आत्मनिर्भर भारत के लिए पीएम मोदी से मुलाकात की और उनकी प्रशंसा की। दूसरा सबसे बड़ा चुनावी बॉन्ड दाता, मेघा इंजीनियरिंग, जहां नितिन गडकरी जी मेघा इंजीनियरिंग की प्रशंसा कर रहे हैं। मतलब पार्टी में एक दान करो और उसके बदले एक आयोजन होगा।

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