
मनोज सैनी
आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा के हाथ से फिसलता जा रहा है।भाजपा की मुसीबत इसी से जाहिर हो रही कि कि कुछ नेताओं ने लोकसभा प्रत्याशियों की सूची से पहले और कुछ ने सूची में नाम आने के बाद चुनावी मैदान छोड़ दिया है।
बंगाल के आसनसोल से भोजपुरी गायक पवन सिंह के बाद अब उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से सांसद उपेंद्र सिंह रावत ने बीजेपी का टिकट वापस लौटा दिया है।
बता दें कि भाजपा ने जो लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 195 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची शनिवार को जारी की थी, उसमें उपेन्द्र सिंह रावत को फिर से बाराबंकी से मैदान में उम्मीदवार बनाया गया था। एक तरफ लोकसभा चुनाव सर पर है और दूसरी तरफ बीजेपी को एक के बाद एक बड़ा झटका लग रहा है। बीजेपी सांसद गौतम गंभीर और जयंत सिन्हा के चुनाव मैदान से भागने के बाद अब भोजपुरी स्टार पवन सिंह से भी बीजेपी का टिकट मिलने के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। यही नहीं गुजरात के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने तो मेहसाणा सीट से अपनी दावेदारी ही वापस ले ली है। बीजेपी की हालत इतनी ख़राब है कि पार्टी ने असम में परिसीमन हो जाने के बाद भी पहले वाली सीटों पर ही अपनी लिस्ट निकाल दी। बहुत किरकिरी होने के बाद भी नई लिस्ट लानी पड़ी।
घोषित लोकसभा टिकट को लेकर जहाँ राजनीतिक पंडितों ने आश्चर्य जताया है वहीं कुछ लोगों ने इसे मोदी और शाह की बीजेपी पर कमजोर होती पकड़ का प्रमाण भी माना है। मीडिया और सोशल मीडिया पर भी बीजेपी के चेहरों के चयन पर खासी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बीजेपी ने ये सोचा भी नहीं था कि जनवरी में जो लोकसभा चुनाव वो अपनी झोली में होने का दावा कर रहे थे, मार्च आते-आते वो कई सीटों पर हाथ से फिसलता और अधिकांश सीटों पर कांटे की टक्कर वाला हो चुका है। कुछ सवाल मीडिया से लेकर तो राजनीतिक गलियारों में सुर्खियाँ बटोर रहा है कि आखिर कहाँ चूक गई बीजेपी?
इसके दो ही जवाब हो सकते हैं, पहला बीजेपी ने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की एक साल से चल रही तैयारियों को कमतर आँक रही है। दूसरा बीजेपी हक़ीक़त में लोकसभा चुनाव के लिए तैयार ही नहीं थी। मीडिया ने बीजेपी के पक्ष में जो हवा बनाने के कोशिश की थी वो चुनाव की घोषणा के पहले ही केवल मीडिया कक्ष तक सिमट चुकी है। जनता को मीडिया की चाकरी की अच्छे से भनक लग चुकी है, इसलिए बीजेपी और मीडिया को सीधे सीधे जनता से लड़ना पड़ रहा है। अभी चंद दिन पूर्व न्यूज 18 उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद हेतु एक सर्वे के लिए ट्वीट किया था जिसमें 67 प्रतिष्ट जनता राहुल गांधी के पक्ष में वोट किया और मात्र 21 प्रतिशत लोगों ने नरेंद्र मोदी को पीएम का बेहतर उम्मीदवार बताया था, मगर इतना बड़ा परिणाम आने के बाद न्यूज 18 उत्तर प्रदेश में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
एक बात कभी नहीं भूलनी चाहिए कि राजनीति में हवा जब जमीन छोड़ देती है, तो परिणाम अप्रत्याशित आते हैं। पूरा देश देख रहा है कि किस तरह बीजेपी जमीन छोड़कर हवा में चुनाव लड़ना चाहती है, शायद बीजेपी को इसकी महंगी कीमत चुकानी पड़ेगी। दूसरी और आने लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने लिए 370 और एनडीए के लिए 400 का नारा दिया है। मगर वर्तमान हालात बताते हैं कि बीजेपी का यह नारा केवल माहौल बनाने के लिए है बाकी धरातल पर प्रत्याशी कुछ और देख रहे हैं, जिस कारण वे चुनावी मैदान छोड़ कर भाग रहे हैं।
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